भारत ने पिछले 30 सालों में जितनी आर्थिक प्रगति की है उतनी ग्रेट ब्रिटेन को करने में 150 साल लग गए थे। यह कहना है 2008 में नोबेल पुरस्कार विजेता अमेरिकी अर्थशास्त्री पॉल क्रूगमैन का।
आपको बता दे कि मोबेल पुरस्कार विजेता पॉल क्रूगमैन ने भारत की बेरोजगारी पर चिंता जताते हुए कहा है कि भारत में बेरोजगारी की समस्या विकराल रूप ले सकती है। उन्होंने कहा कि अगर वक्त रहते इसे लेकर उचित कदम नहीं उठाए गए तो भारत में बेरोजगारी विकराल रूप लेगी।
पॉल क्रूगमैन ने कहा कि सरकार को इसके लिए मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के विस्तार पर ध्यान देना होगा, बिना इसके सरकार बेरोजगारी पर नकेल नहीं कस सकती है। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि लोगों को आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के कॉन्सेप्ट से सतर्क रहने की जरूरत है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जापान दुनिया का सुपरपावर नहीं रहा, क्योंकि उसके यहां जनसंख्या के काम में यानी वर्किंग एज पॉप्युलेशन में गिरावट दर्ज हुई। वहां लोग मशीनों पर ज्यादा निर्भर रहने लगे हैं। ऐसे में भारत को सर्विस सेक्टर के साथ-साथ मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर भी ध्यान देने और उसे विकसित करने की जरूरत है।
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