केंद्र की मोदी सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) के अधिकारियों से प्रत्येक मामले को तेजी से तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि इससे हम तस्करी जैसे आर्थिक अपराधों पर अंकुश लगा सकेंगे।
सीतारमण ने शनिवार को डीआरआई के 64वें स्थापना दिवस पर अपने संबोधन में कहा कि तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचना महत्वपूर्ण है, लेकिन हम तेजी से यह काम करेंगे, तो इस तरह के लोगों पर अंकुश लगा सकेंगे, जो ऐसी गतिविधियों को आगे बढ़ाते हैं। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के तहत राजस्व आसूचना निदेशालय तस्करी रोकने के लिए सरकार की खुफिया और प्रवर्तन एजेंसी है।
सीतारमण ने क्षमता निर्माण पर जोर दिया, ताकि अधिकारी तेजी से खुफिया जानकारी हासिल कर समय पर कार्रवाई कर सकें। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘आपको बहुत सारी खुफिया जानकारी मिलती है, लेकिन कभी-कभी और कई बार यह तय करना मुश्किल होता है कि क्या यह वास्तव में कार्रवाई योग्य है। क्षमता निर्माण इसलिए जरूरी है, ताकि आप यह पहचान सकें कि कौन की खुफिया सूचना कार्रवाई योग्य है।’’
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उन्होंने कहा कि डीआरआई जैसी एजेंसियां अपने अनुभव के आधार पर वे तरीके तय कर सकती हैं, जिनके जरिये इस तरह की अवैध गतिविधियों को रोका जा सकता है। उन्होंने डीआरआई को देश में ‘डंप’ कि जा रहे जहरीले कचरे के संबंध में सतर्क रहने को भी कहा।
सीतारमण ने कहा, ‘‘उभरती अर्थव्यवस्थाओं ने जिस तरह से दशकों से पुन:चक्रीकरण (रिसाइकल) करने की क्षमता का निर्माण किया है, ऐसे में मुझे आशंका है कि हमारे तटों पर जहरीले कचरे को लाने और उसे वहां ‘डंप’ करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। यह एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर डीआरआई को और अधिक सक्रिय रहने की जरूरत है।’’