नई दिल्ली : वाणिज्य मंत्रालय ने उभरते क्षेत्रों के लिए लाक्षित प्रस्तावित औद्योगिक नीति के संबंध में मंत्रिमंडल की अधिसूचना के ड्राफ्ट पर विभिन्न विभागों की राय मंगायी है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने इसकी जानकारी दी। प्रभु ने कहा कि हमने सभी मंत्रालयों ही राय जानने के लिए नीति का ड्राफ्ट उनके पास भेजा है। उन्होंने कहा कि नीति का लक्ष्य मौजूदा उद्योगों का आधुनिकीकरण, नियामकीय दिक्कतों में कमी लाना तथा रोबोटिक्स एवं आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाने को प्रोत्साहित करना है। प्रस्तावित नीति 1991की औद्योगिक नीति को पूरी तरह बदल देगी।
विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों की राय जानने के बाद वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय इसे अंतिम रूप देगा और मंत्रिमंडल की अंतिम मंजूरी के लिए इसे भेजेगा। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) ने पिछले साल औद्योगिक नीति का नया ड्राफ्ट तैयार किया था। इसका लक्ष्य अगले दो दशक के लिए रोजगार सृजित करना, विदेशी प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को बढ़ावा देना तथा प्रति वर्ष 100 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित करना है। प्रभु ने सार्वजनिक खरीद नीति के बारे में कहा, मंत्रालय यह सुनिश्चित करेगा कि भारत में तैयार उत्पादों के लिए सार्वजनिक कंपनियों द्वारा न्यूनतम खरीद को तरजीह मिले।
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