भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार आसमान छू रहे हैं। निराशा की बात यह है कि इनके अभी और ऊपर जाने के आसार भी हैं। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने डीजल और पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के विरोध में सोमवार को भारत बंद भी बुलाया। लेकिन इस मामले पर सरकार का कहना है कि तेल की कीमतें कई अंतरराष्ट्रीय वजहों से बढ़ रही हैं। साथ ही सरकार इसे उत्पाद शुल्क में कमी लाकर घटाने के पक्ष में भी नहीं है। आज भी दिल्ली में पेट्रोल 14 पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ है, जबकि डीज़ल के दाम में 14 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। पिछले क़रीब दो हफ़्तों से पेट्रोल-डीज़ल के दाम में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। आज की बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में पेट्रोल 80 रुपये 87 पैसे और डीज़ल 72 रुपये 97 पैसे प्रति लीटर बिक रहा है। वहीं मुंबई में पेट्रोल 88 रुपये 26 पैसे और डीज़ल 77 रुपये 47 पैसे प्रति लीटर बिक रहा है। महाराष्ट्र के परभणी में पेट्रोल 90 रुपये प्रति लीटर के पार हो गया है।
शहर पेट्रोल डीज़ल
मुंबई 88.26 77.47
चेन्नई 84.05 77.13
कोलकाता 83.75 75.82
दिल्ली 80.87 72.97
पेट्रोल (दिल्ली)
1 जनवरी 2018- 69.97 रु/लीटर
10 सितंबर 2018- 80.87 रु/लीटर
बढ़ोतरी- 10.80 रु/लीटर (15.4%)
डीज़ल (दिल्ली)
1 जनवरी 2018- 59.70 रु/लीटर
10 सितंबर 2018- 72.97 रु/लीटर
बढ़ोतरी- 13 रु/लीटर (21.77%)
पेट्रोल डीज़ल की क़ीमतों को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच सोमवार को मंत्री धर्मेंद्र प्रधान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मिले. ये बैठक करीब डेढ़ घंटे चली। बैठक के बाद पेट्रोलियम मंत्रालय ने एक रिपोर्ट जारी कर समझाने की कोशिश की कि यूपीए के समय तेल के दाम ज़्यादा बढ़े थे, एनडीए के समय कम. हालांकि इस पर सवाल उठ रहा है कि तब तो कच्चा तेल सौ डॉलर से ऊपर का था। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि तब
– सरकार ने ऑयल बॉन्ड जारी किए थे
– तेल कंपनियां घाटे में थीं और
– सरकार सब्सिडी भी दे रही थी
– अब न सब्सिडी है न तेल कंपनियां घाटे में हैं।
– क़ीमतें बाज़ार के हिसाब से तय हो रही हैं, लेकिन इसी से सवाल उठ रहा है कि आखिर अब सरकार टैक्स घटा कर जनता को राहत देने को तैयार क्यों नहीं है।
2018 में जनवरी-सितंबर तक तेल में कितना उछाल आया
– पेट्रोल की बात करें तो 1 जनवरी को पेट्रोल के दाम 69.97 रुपये प्रति लीटर थे
– जो 10 सितंबर को 80.73 रुपये प्रति लीटर हो गए यानी इस बीच दामों में 10.36 रुपये प्रति लीटर का इज़ाफ़ा हुआ। इस दौरान पेट्रोल के दाम 15.37% बढ़े।
– डीज़ल की बात करें तो 1 जनवरी को डीज़ल 59.70 रुपये प्रति लीटर था
– जो 10 सितंबर को 72.83 रुपये प्रति लीटर हो गया यानी इस बीच डीज़ल के दाम प्रति लीटर 13.13 रुपये बढ़े जो 21.99% की बढ़त है।
इधर राजस्थान के बाद अब आंध्र प्रदेश ने भी पेट्रोल डीज़ल पर वैट घटा दिया है। आंध्र प्रदेश में अब पेट्रोल और डीज़ल दो रुपये प्रति लीटर सस्ता हो गया है। राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबु नायडू ने कहा कि वैट में कमी से राज्य को सालाना 1120 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।
राजस्थान और आंध्र के बाद अब दूसरे राज्यों पर भी तेल की क़ीमतों में कमी लाने का दबाव है। एक नज़र डालते हैं उन राज्यों पर जिनमें पेट्रोल-डीज़ल पर सबसे ज़्यादा टैक्स वसूला जाता है।
किन राज्यों में कितना टैक्स?
महाराष्ट्र: 39.12%
मध्य प्रदेश: 35.78%
पंजाब: 35.12%
तेलंगाना: 33.31
तमिलनाडु: 32.16