भुवनेश्वर : पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि सरकार अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम बढ़ने के कारण पेट्रोल और डीजल के दाम में वृद्धि का दीर्घकालीन समाधान तलाशने को लेकर एक समग्र रणनीति अपनाने की योजना बना रही है। हालांकि उन्होंने इसका ब्योरा नहीं दिया। पेट्रोल और डीजल की कीमत आज लगातार 15 वें दिन बढ़ीं। इससे इस महीने अब तक हुई कुल वृद्धि कम – से – कम पांच साल में सर्वाधिक है। तेल कंपनियां कर्नाटक चुनाव के बाद 14 मई से ईंधन के दाम बढ़ा रही हैं। पेट्रोल की कीमत में दिल्ली में 3.64 रुपये लीटर तथा डीजल में 3.24 रुपये लीटर की बढ़ोतरी हुई है।
तेल कंपनियों ने कर्नाटक चुनाव से पहले 19 दिन तक तेल के दाम नहीं बढ़ाये थे। प्रधान ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने पहले ही इस मुद्दे पर स्पष्ट रूप से कई बार कहा है। तेल के दाम में मौजूदा वृद्धि के तीन कारक हैं … अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में तेजी , डालर तथा भारतीय मुद्रा के अनुपात में उतार – चढ़ाव ए इसके साथ इसमें कुछ कर मुद्दे भी जुड़े हैं।’’ दिल्ली में पेट्रोल 78.27 रुपये लीटर जबकि डीजल का भाव 69.17 रुपये लीटर है। दिल्ली में अन्य महानगरों तथा राज्यों की राजधानी के मुकाबले कम पेट्रोल और डीजल के दाम कम हैं।
उन्होंने कहा कि इस मामले के दीर्घकालीन समाधान पर गौर कर रही है। इसके लिये समग्र रणनीति की योजना बनायी जा रही है। पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाना उसमें एक विकल्प हो सकता है।’’ प्रधान ने कहा, ‘‘हम मामले को लेकर संवेदनशील हैं।’’ उनसे यह पूछा गया था कि लोगों को ईंधन के बढ़ते दाम से कब राहत मिलेगी। हालांकि पेट्रोलियम मंत्री ने समग्र के समाधान के बारे में कुछ नहीं बताया। उन्होंने इस बारे में भी कुछ भी बताने से मना कर दिया कि क्या सरकार ग्राहकों को राहत देने के लिये उत्पाद शुल्क में कटौती करेगी।
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