केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को दिल्ली में सीए उड़ान परियोजना का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा है कि चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) समुदाय को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और इस पेशे की विश्वसनीयता को बहाल करने के लिए तरीके ढूंढने चाहिए। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी लोग बुरे नहीं हैं लेकिन कुछ अपवाद की वजह से प्रतिष्ठा को चोट पहुंचती है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि सीए का पेशा ‘गेटकीपर’ जैसा है और उनकी राष्ट्र निर्माण में बड़ी भूमिका हैं। उन्होंने रत्न एवं आभूषण क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि कुछ खराब लोगों की वजह से इस क्षेत्र की छवि प्रभावित हुई है। आज कोई बैंक उनको कर्ज नहीं देना चाहता।
फिर से कुलांचे भरने लगी है भारतीय अर्थव्यवस्था
एक अन्य कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्टूबर के दौरान वस्तुओं का निर्यात 232 अरब अमेरिकी डॉलर रहा और चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में कुल एफडीआई प्रवाह 62 प्रतिशत बढ़ा। अक्टूबर में पिछले साल इसी महीने के मुकाबले रोजगार बढ़ा है और विनिर्माण पीएमआई बढ़कर 55.9 हो गया, जबकि सेवा पीएमआई एक दशक के उच्चस्तर 58.4 पर पहुंच गया।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत फिर से कुलांचे भरने लगा है और यह दशक, वृद्धि के दशक के रूप में आकार ले रहा है, हमारा निर्यात बढ़ रहा है और एफडीआई अंत:प्रवाह और निवेश में तेज वृद्धि है।’’ गोयल ने कहा कि वैश्विक भावनाएं ‘वाय इंडिया’ (भारत क्यों) से ‘वाय नॉट इंडिया’ (भारत क्यों नहीं) में बदल रही हैं।
पीयूष गोयल ने राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) के छात्रों और पूर्व छात्रों को बुनकरों और कारीगरों को बाजार से जोड़ने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि बुनकरों और कारीगरों की मदद करके आत्मनिर्भरता की भावना को दिशा दी जा सकती है ताकि उन्हें उनका हक मिल सके। मंत्री ने कहा कि कारीगरों के उत्पादों की डिजाइन, पैकेजिंग और ब्रांडिंग से उन्हें अच्छा मुनाफा मिल सकता है और निफ्ट के छात्र इस दिशा में काम करने पर विचार कर सकते हैं।