वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में परियोजना निगरानी समूह ने 17 ढांचागत परियोजनाओं की समीक्षा में उनके समक्ष आने वाली 36 बाधाओं को चिन्हित किया है। इन परियोजनाओं में 32,910 करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि समूह ने अब तक 809 परियोजनाओं में 3,500 मुद्दों का समाधान किया है और करीब 32 लाख करोड़ रुपये से अधिक के वित्तीय निवेश का रास्ता साफ किया है।
बयान के अनुसार इस समय समूह 260 परियोजनाओं में 588 मुद्दों को देख रहा है। इसमें 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान है।
जिन परियोजनाओं की 27 फरवरी को समीक्षा की गयी, उसमें महाराष्ट्र के रसायनी में बीपीसीएल की पेट्रोलियम और पेट्रोरसायन परियोजनाएं शामिल हैं।
परियोजना में कुल 7,000 करोड़ रुपये का निवेश अनुमानित है। यह परियोजना बीपीसीएल की पेट्रोरसायन कारोबार में वृद्धि की योजना के हिसाब से महत्वपूर्ण है। फिलहाल कंपनी के कारोबार में इसकी हिस्सेदारी 1 प्रतिशत है जिसे बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने की योजना है।
इस परियोजना से पेट्रोरसायन के आयात पर निर्भरता कम होगी और अनुषंगी इकाइयों तथा उद्योग को गति मिलेगी।
अन्य परियोजनाओं में चार लेन की की जाने वाली गोविंदपुर (राजगंज)-चास-पश्चिम बंगाल सीमा खंड (एनएच-32), झारखंड में पारेषण प्रणाली का क्रियान्वयन तथा लोंडा-मिराज परियोजना शामिल हैं।
बयान के अनुसार परियोजनाओं से जुड़े लंबित मसलों के तेजी से समाधान को लेकर जरूरी निर्देश और समयसीमा जारी किये गये।