नई दिल्ली: इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने द्वितीयक इस्पात क्षेत्र को हर संभव सहयोग देने का आज आश्वासन दिया। यह क्षेत्र इस्पात के उत्पादन के लिए पर्यावरण अनुकूल इलेक्टर्रक फर्नेस का इस्तेमाल करता है। मंत्री ने यहां आल इंडिया इंडक्शन फर्नेसेज एसोसिएशन के एक सम्मेलन में यह आश्वासन दिया। इलेक्टर्रक आर्क फर्नेस के जरिए इस्पात उत्पादन पर कार्बन डाइ आक्साइड का कम उत्सर्जन होता है तथा उत्पादन लागत भी ब्लास्ट फर्नेस तरीके की तुलना में कम रहती है।
एसोसिएशन के महासचिव कमल अग्रवाल ने इस क्षेत्र की दिक्कतों को रखा जिसमें बैंकों से विथीय मदद का अभाव, राज्यों में अलग अलग बिजली शुल्क दर तथा कुछ सरकारी इकाइयों द्वारा उत्पादों को मान्यता नहीं देना शामिल है। सिंह ने इस बारे में कहा कि उनका मंत्रालय क्षेत्र के सभी मुद्दों पर ध्यान देने के लिए कदम उठाएगा जो कि तीन करोड़ लोगों के लिए रोजगार सृजित कर सकता है। उन्होंने कहा, कुछ बिंदु हैं जिन पर हमारे मंत्रालय के ध्यान की जरूरत है जबकि कुछ बिंदुओं को हम अन्य मंत्रालयों के समक्ष उठाएंगे।