Kotak Mahindra Bank: भारतीय रिज़र्व बैंक ने कोटक महिंद्रा बैंक पर बड़ी करवाई की है। ये करवाई आईटी मानदंडों के उल्लंघन को लेकर किया गया है। बता दें कि कोटक महिंद्रा बैंक के संस्थापक उदय कोटक 25.71 फीसदी हिस्सेदारी के साथ कोटक महिंद्रा बैंक के प्रवर्तक और सबसे बड़े एकल शेयरधारक हैं। बाकी बचे 0.18 फीसदी हिस्सेदारी प्रवर्तक समूह की अन्य संस्थाओं के पास है।
दरसल आरबीआई ने बुधवार (24 अप्रैल) को कोटक महिंद्रा बैंक को अपने ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग चैनलों के माध्यम से नए ग्राहकों को जोड़ने और नए क्रेडिट कार्ड जारी करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। आरबीआई ने ये फैसला आईटी मानदंडों के उल्लंघन को लेकर किया है। आरबीआई के मुताबिक कोटक महिंद्रा बैंक द्वारा दो साल में अपने कंप्यूटर उपकरण, सॉफ्टवेयर अपडेशन या उसके सिस्टम से जुड़ी दिक्कतों का कोई समाधान नहीं किया और ना ही डेटा सिक्योरिटी का प्रबंधन किया। ऐसे में नियामकीय उल्लंघन के चलते ये एक्शन लिया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35A के अंतर्गत एक्शन लेते हुए कोटक महिंद्रा बैंक को ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग के जरिए नए ग्राहक जोड़ने और क्रेडिट कार्ड जारी करने से रोक लगा दिया है। हालांकि, बैंक अपने मौजूदा ग्राहकों को सभी तरह की सर्विसेज सुचारू रूप से देना जारी रखेगा।
क्या है बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 35A?
ये अधिनियम भारत में बैंकिंग बैंकिंग सेक्टर को नियंत्रित करता है। यह अधिनियम आरबीआई को बैंकों को लाइसेंस देने के साथ-साथ भारत में बैंकिंग नियामक की शक्ति प्रदान करता है। बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के तहत आरबीआई को बैंकों को निर्देश दे सकता है और किसी भी तरह की कार्रवाई कर सकता है।