भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक आज समाप्त हो गई है। बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। आरबीआई गवर्नर ने 6 सदस्यों वाली समिति द्वारा लिए गए फैसलों की घोषणा की।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद कहा कि प्रमुख नीतिगत दरों को यथावत रखा गया है। उन्होंने केन्द्रीय बैंक के रुख को उदार बनाये रखकर कोविड-19 संकट से पीड़ित अर्थव्यवस्था की मदद के लिए जरूरी होने पर भविष्य में कटौती का संकेत दिया।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति द्वारा लिए गए निर्णयों की घोषणा करते हुए कहा कि रेपो दर को चार प्रतिशत पर यथावत रखा गया है। इसके साथ ही रिवर्स रेपो दर भी 3.35 प्रतिशत के स्तर पर बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकवरी शुरू हो गई है। विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। जबकि, दुनियाभर की अर्थव्यवस्था में तेज गिरावट आई है। जनवरी से लेकर जून तक बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की आर्थिक स्थिति बेहद खराब रही। लेकिन विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़त का सिलसिला जारी है।
उन्होंने कहा कि एमपीसी ने ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं करने के पक्ष में मतदान किया और वृद्धि को समर्थन देने के लिए उदार रुख को जारी रखने की बात कही। आरबीआई ने इससे पहले 22 मई को अपनी नीतिगत दर में संशोधन किया था, जिसके बाद ब्याज दर रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गई थी।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आपूर्ति की राह में अड़चने बनी हुई हैं इससे तमाम वर्ग की चीजों पर मुद्रास्फीति का दबाव है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर भी आर्थिक कारोबार कमजोर और कोविड-19 महामारी के बढ़ने से पुनरूद्धार के शुरुआती जो संकेत दिखते थे वह कमजोर पड़े हैं।
आरबीआई प्रमुख ने भारत के कृषि क्षेत्र पर उम्मीद व्यक्त करते हुए कहा कि खरीफ की फसल अच्छी रहने से ग्रामीण क्षेत्र में मांग सुधरेगी। उन्होंने कहा कि भारत में कारोबार तेज होने लगा था लेकिन कारोना संक्रमण के मामले बढ़ने से मजबूरन कई जगह लॉकडाउन लगाना पड़ गया।