रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक बार फिर रेपो रेट में इजाफा किया है। 0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ रेपो रेट को 4.90 कर दिया गया है। RBI के इस फैसले के बाद लोन महंगा होगा और ईएमआई बढ़ेगी। इससे पहले, चार मई को आरबीआई ने अचानक से रेपो रेट में 0.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि एमपीसी ने आम सहमति से पॉलिसी रेट में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि महंगाई दर चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में छह प्रतिशत से ऊपर बने रहने की आशंका है।
आरबीआई मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation Rate) को ध्यान में रखता है। रिटेल महंगाई अप्रैल में आठ साल के उच्च स्तर 7.79 प्रतिशत रही। यह केंद्रीय बैंक के संतोषजनक स्तर से कहीं अधिक है। आरबीआई को रिटेल महंगाई दो से छह प्रतिशत के दायरे में रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।