भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे चार प्रतिशत पर बरकरार रखा। इसका मतलब है कि कर्ज की मासिक किस्त में कोई बदलाव नहीं होगा। यह लगातार 10वीं बार है जब नीतिगत दर को रिकॉर्ड निचले स्तर पर कायम रखने का फैसला किया गया है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति पर बैठक में हुए फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि रेपो रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4 प्रतिशत रहेगा। एमएसएफ रेट और बैंक रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4.25 प्रतिशत रहेगा। रिवर्स रेपो रेट भी बिना किसी बदलाव के साथ 3.35 प्रतिशत रहेगा।
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2022-23 के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान
जीडीपी के बारे में भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि 2022-23 के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि तीसरी महामारी की लहर के कारण आर्थिक गति का कुछ नुकसान हुआ। वित्त वर्ष 22 में 9.2 प्रतिशत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि अर्थव्यवस्था को महामारी से पहले के स्तर से ऊपर ले जाएगी।
महंगाई पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि चालू तिमाही में मुद्रास्फीति चरम पर है और अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में इसमें नरमी आने की उम्मीद है। 2022-23 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। आरबीआई गवर्नर ने बैंकों से पूंजी बढ़ाने, जोखिम प्रबंधन में सुधार करने का आह्वान किया।
उन्होंने बताया कि कुल मिलाकर सिस्टम लिक्विडिटी बड़े सरप्लस में बनी हुई है ।भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ई-रुपये प्रीपेड डिजिटल वाउचर के तहत कैप को बढ़ा दिया है। शक्तिकांत दास ने कहा कि 10,000 रुपये की वर्तमान सीमा को बढ़ाकर 1 लाख रुपये प्रति वाउचर और एक से अधिक बार किया जाएगा।