नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बिजली क्षेत्र की संकटग्रस्त परिसंपत्तियों के अधिग्रहण के लिये एक विशेष संपत्ति पुनर्गठन कंपनी (एआरसी) बनाने के ग्रामीण विद्युतीकरण निगम के प्रस्ताव के विचार का समर्थन किया है। सूत्रों ने कहा कि आरबीआई ने वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार की अध्यक्षता वाले समूह को दिये गये प्रस्तुतिकरण में कहा कि वह आरईसी के संपत्ति पुनर्गठन कंपनी स्थापित करने के प्रस्ताव पर विचार के लिये तैयार है। बिजली क्षेत्र वर्तमान में कुल मिलाकर 1.74 लाख करोड़ रुपये की गैर-निष्पादित संपत्तियां (एनपीए) से जूझ रहा है।
बैंक ने अपने लिखित जवाब में कहा कि बिजली क्षेत्र में बैंकों की फंसी परिसंपत्तियों के अधिग्रहण के लिये विशेष एआरसी स्थापित करने के आरईसी के सुझाव पर विचार किया जा सकता है। इसमें कहा गया है कि प्रस्ताव दोनों पक्षों के लिये परस्पर लाभकारी और पारदर्शी मूल्य खोज पर आधारित होना चाहिये। इस समूह का गठन इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन के तहत किया गया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने रिजर्व बैंक के 12 फरवरी के परिपत्र पर 31 मई को रोक लगा दी थी और वित्त मंत्रालय को समाशोधन के बारे में सभी संबंधित पक्षों के साथ बैठक करने को कहा था।
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न्यायालय के निर्देश पर वित्त मामलों के सचिव राजीव कुमार की अध्यक्षता में 22 जून को एक बैठक हुई। इस बैठक में हुई बातचीत के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की गयी और न्यायालय के आदेश पर आगे कदम उठाने के लिए बिजली मंत्रालय को भेजी गयी। इस रिपोर्ट में यह उच्चस्तरीय अधिकार प्राप्त समिति गठित करने का भी सुझाव दियागया है। इस रिपोर्ट के सुझाव के अनुरूप सरकार ने पिछले सप्ताह कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय अधिकार प्राप्त समिति गठित कर दी।