RBI: फ्लिपकार्ट छोड़कर नावी फिनसर्व की शुरुआत करने वाले सचिन बंसल की इस कंपनी पर भारतीय रिजर्व बैंक की गाज गिरी है। केंद्रीय बैंक ने कंपनी के इस काम करने पर रोक लगा दी है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 17 अक्टूबर को चार गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) और माइक्रोफाइनेंस संस्थानों (NBFC-MFI) पर कार्रवाई करते हुए उन्हें लोन पास और डिस्ट्रिब्यूट करने से रोक दिया है। यह प्रतिबंध इन कंपनियों की कुछ नियामक चिंताओं के चलते लगाया गया है।
RBI ने इन कंपनियों की प्राइसिंग पॉलिसी में खामियों का हवाला दिया है। कंपनियों द्वारा कर्ज पर लगाया गया वेटेड एवरेज लेंडिंग रेट (WALR) और ब्याज दर की तुलना में अधिक चार्ज किए जाने की बात सामने आई है। नियामकों ने यह भी पाया कि यह नियमों का उल्लंघन कर रहा है। इसके अतिरिक्त, कंपनियों की माइक्रोफाइनेंस ऋण देने के लिए घरेलू आय के आकलन और मौजूदा या प्रस्तावित मासिक भुगतान दायित्वों का सही तरीके से आकलन न करने जैसी अनियमितताएं भी पाई गईं।
RBI ने यह भी कहा कि आय की मान्यता और संपत्ति वर्गीकरण (IR&AC) नियमों के उल्लंघन, गोल्ड लोन पोर्टफोलियो के संचालन, ब्याज दर और फीस पर आवश्यक खुलासे की कमी, और प्रमुख वित्तीय सेवाओं के आउटसोर्सिंग में भी कंपनियों द्वारा नियमों का पालन नहीं किया गया। बिजनेस पर ये प्रतिबंध 21 अक्टूबर के बाद से लागू होंगे। हालांकि, मौजूदा ग्राहकों को सेवा देने, संग्रह और रिकवरी की प्रक्रिया को RBI के मौजूदा दिशा-निर्देशों के तहत जारी रखा जा सकेगा।
नवी फिनसर्व के प्रवक्ता ने कहा, “नवी फिनसर्व फिलहाल RBI के सर्कुलर की समीक्षा कर रहा है और नियामक द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों का जल्द और प्रभावी रूप से समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी अपने ऑपरेशन में उच्चतम मानकों का पालन करती रहेगी।”