नई दिल्ली : पिछले एक पखवाड़े में घोषित सुधार उपायों के बाद केंद्र सरकार द्वारा इस सप्ताह रियल एस्टेट उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बड़ी घोषणा किए जाने की संभावना है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, रियल एस्टेट उद्योग के पैकेज में हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी) के लिए अतिरिक्त धन और बैंक ऋण लेने वाले डेवलपर्स के लिए मानक छूट शामिल होगी।
सरकार की प्रोत्साहन की अगली किश्त में रुकी हुई आवास परियोजनाओं को पूरा करने के लिए मदद का फैसला लिए जाने की संभावना है। सूत्रों ने कहा कि रुकी हुई रियल एस्टेट परियोजनाओं के लिए लगभग 8,000 करोड़ रुपये के कोष की घोषणा होने की संभावना है। कारोबारियों की मांग पर किफायती आवास के दायरे को बढ़ाने की मांग पर सरकार किफायती घरों के दायरे को 45 लाख रुपये से बढ़ाकर 70 लाख रुपये कर सकती है।
इसके अलावा हाउसिंग फाइनेंस से संबंधित आर्थिक सहायता योजना की भी घोषणा किए जाने की संभावना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 अगस्त को घोषणा की थी कि नेशनल हाउसिंग बैंक एचएफसी को 20,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त तरलता प्रदान करेगा और मंत्री ने कहा था कि वह रियल एस्टेट क्षेत्र व रुकी हुई परियोजनाओं के लिए घोषणाएं करेंगी।
ऑटो सेक्टर पर त्योहारी सीजन के पहले हो फैसला : सियाम
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) ने कहा है कि सरकार जो भी करे जल्दी करे ताकि कंपनियों को आने वाले फेस्टिव सीजन के दौरान ग्राहकों के लिए अच्छे डिस्काउंट ऑफर लाने में मदद मिल सके। अगर ऐसा हुआ तो अगले कुछ महीनों में ऑटो सेक्टर की गिरती बिक्री पर लगाम लग पाएगी।
स्क्रैप नीति में बदलाव कर ऑटो सेक्टर को राहत संभव
ऑटो सेक्टर को मंदी से उबारने के लिए सरकार पुराने वाहन की स्क्रैप (कबाड़) नीति के तहत टैक्स में छूट का एलान कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक आने वाली स्क्रैप पॉलिसी के तहत सरकार गड़ियों की उम्र के बजाय गाड़ी की हालत को मानदंड माना जाएगा।
अभी तक माना जा रहा था कि सरकार 10 साल से पुरानी गाड़ियों को इस दायरे में रखेगी और स्क्रैप में देने पर गाड़ी के बदले नई गाड़ी पर 50 हजार रुपये की छूट या उस मूल्य के कूपन दिए जा सकते हैं। लेकिन नए सुझावों के बाद सरकार उसमें बदलाव पर विचार कर रही है।