शेयर बाजार बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज शुरूआती कारोबार में ही 263.06 अंक मजबूत होकर 38,210.94 अंक की नई ऊंचाई पर पहुंच गया। नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी पहली बार 11,500 अंक के ऊपर आ गया। पूंजीगत सामान, धातु, रीयल्टी तथा बैंक शेयरों में तेजी से शेयर बाजारों में मजबूती आयी।
इससे पहले, सेंसेक्स नौ अगस्त को रिकार्ड 38,076.23 अंक पर बंद हुआ था। शुक्रवार को सेंसेक्स 284.32 अंक मजबूत हुआ था। एनएसई निफ्टी 46.50 अंक या 0.40 प्रतिशत की बढ़त के साथ 11,517.25 अंक के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया। इससे पहले, नौ अगस्त को कारोबार के दौरान यह 11,495.20 अंक पर पहुंचा था। कारोबारियों के अनुसार एशिया के अन्य बाजारों में सकारात्मक रुख के साथ विदेशी संस्थागत निवेशकों की ताजा लिवाली, घरेलू संस्थागत की ओर से खरीदारी जारी रहने तथा रुपये में सुधार से बाजार में तेजी आयी। लाभ में रहने वाले प्रमुख शेयरों में एल एंड टी, ओएनजीसी, यस बैंक, कोल इंडिया, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, विप्रो, वेदांता, एसबीआई, आरआईएल तथा एचयूएल शामिल हैं. वहीं दूसरी तरफ इन्फोसिस, भारती एयरटेल, आईटीसी तथा टीसीएस में गिरावट दर्ज की गयी।
आपको बता दें कि इस हफ्ते शेयर बाजार की चाल भारत और चीन के बीच चल रही व्यापार वार्ता के नतीजे, घरेलू और वैश्विक बाजारों के व्यापक आर्थिक आंकड़े, प्रमुख कंपनियों के तिमाही नतीजे, मॉनसून की चाल, वैश्विक बाजारों के रुख, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और घरेलू संस्थापक निवेशकों (डीआईआई) द्वारा किए गए निवेश, डॉलर के खिलाफ रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों का प्रदर्शन मिलकर तय करेंगे। देश के शेयर बाजार बुधवार (22 अगस्त) को बकरीद के अवसर पर बंद रहेंगे। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने अपनी 16 अगस्त को जारी रिपोर्ट में कहा कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के दौरान 1 जून से 15 अगस्त तक कुल बारिश दीर्घकालिक औसत (एलपीए) से 9 फीसदी कम रही है। जून से सिंतबर तक दक्षिण पश्चिम मॉनसून का मौसम देश के कृषि के लिए बेहद महत्वपूर्ण है कि क्योंकि अभी भी देश की खेती का बड़ा हिस्सा सिंचाई के लिए वर्षा के पानी पर ही निर्भर है।
वैश्विक मोर्चे पर, निवेशकों की अमेरिका और चीन के बीच चल रही व्यापार वार्ता पर नजर है। खबरों के मुताबिक, चीन का एक प्रतिनिधिमंडल वाशिंगटन में अमेरिकी प्रतिनिधियों से 21 और 22 अगस्त को बैठक करेगा। हाल के महीनों में अमेरिका और चीन एक दूसरे पर निर्यात शुल्क बढ़ाते जा रहे हैं, क्योंकि दोनों देशों के बीच व्यापार घाटे को लेकर असहमति है. इसके कारण निवेशक संभावित व्यापार युद्ध की आशंका चिंतिंत है, क्योंकि अगर ऐसा होता है तो वैश्विक आर्थिक मंदी छा सकती है।
अमेरिका की केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व अपनी मुक्त बाजार समिति की बैठक के मिनट्स 22 अगस्त को जारी करेगी, यह बैठक 31 जुलाई और 1 अगस्त को हुई थी। इस बैठक के मिनट्स से व्यापार से जुड़े संभावित जोखिम को लेकर समिति के आर्थिक मूल्यांकन की जानकारी मिलेगी। फेडरल रिजर्व ने अपनी अगस्त की बैठक में संघीय निधि दर के लिए लक्ष्य सीमा 1.75 फीसदी से 2 फीसदी तय की थी।