सिंगापुर : आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत को मजबूत आपूर्ति श्रृंखला बनाने तथा अधिक रोजगार सृजित करने के लिये कम आयात शुल्क दर वाला परिवेश बनाने की जरूरी है। हमारी समस्या आयात शुल्क की निम्न दर नहीं बल्कि उच्च दरें हैं।
हमें यह देखने की जरूरत है कि आखिर इनमें से कौन बेहतर काम करता है। राजन ने कहा कि हमें इस रूप से काम करना है जिससे भारत में अधिक-से-अधिक आपूर्ति श्रृंखला ला सके और अधिक रोजगार सृजित कर सके। भारत के लिये बड़ा मसला क्षेत्रीय के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनने को लेकर है।
पूर्व गवर्नर ने कहा कि जबतक हम शुल्क के स्तर को नीचे नहीं लाते, यह मुश्किल होने जा रहा है। भारतीय उद्योग की मुक्त व्यापार समझौते से जुड़ने को लेकर चिंता से जुड़े एक सवाल के जवाब में राजन ने कहा कि शुरू में उद्योग चिंतित होंगे लेकिन अंतत: वे उसे स्वीकार करेंगे। लाभ की स्थिति में होंगे।
सीतारमण को दिया जवाब
बैंकिंग क्षेत्र की परेशानियों को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की हाल की तीखी आलोचना झेलने के बाद रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बृहस्पतिवार को उन्हें याद दिलाया कि आरबीआई के प्रमुख के रूप में उनका दो तिहाई कार्यकाल भाजपा सराकर के दौरान ही था। वित्त मंत्री ने इस महीने की शुरूआत में न्यूयार्क में कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राजन दोनों के कार्यकाल में देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को ‘सबसे खराब दौर’ से गुंजरना पड़ा था।
राजन ने कहा कि उनके कार्यकाल में ही बैंकों में फंसे कर्ज (एनपीए) की समस्या से छुटकारा पाने के लिये काम शुरू किये गये थे लेकिन उनके रहते वह काम पूरा नहीं हो पाया था। राजन पांच सितंबर 2013 से सितंबर 2016 के दौरान आरबीआई के गवर्नर रहे। उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये देश को नई पीढ़ी के सुधारों की जरूरत है।
पांच प्रतिशत जीडीपी के साथ यह कहा जा सकता है कि भारत आर्थिक नरमी में है। राजन ने सीएनबीसी को दिये साक्षात्कार में कहा कि पिछली (कांग्रेस) सरकार में मेरा केवल आठ महीने से कुछ अधिक का कार्यकाल था। वहीं इस (भाजपा) सरकार में कार्यकाल 26 महीने रहा।