नई दिल्ली : रिलायंस इंडस्ट्रीज की हिस्सेदारी खरीदने के सऊदी अरामको आयल कंपनी के सौदे से सऊदी अरब को भारत के सबसे बड़े तेल आपूर्तिकर्ता का दर्जा फिर हासिल करने में मदद मिल सकती है। सऊदी कंपनी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. के तेल शोधन और पेट्रोरसायन कारोबार की 20 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने का करार किया है। भारत में पहले सऊदी अरब से ही सबसे ज्यादा कच्चा तेल आता था। हालांकि पिछले दो वित्त वर्ष में इराक पहले नंबर पर पहुंच गया है।
सऊदी अरामको ने भारत में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कारोबारी रिलायंस में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी 15 अरब डालर में लेने का करार किया है। वह रिलायंस के साथ प्रति दिन पांच लाख बैरल यानी वार्षिक 25 लाख टन कच्चे तेल की बिक्री का करार करेगी। वुड मैकेंजी के उपाध्यक्ष (एलएन गेल्डर) एलन जेल्डर ने कहा कि सऊदी अरामको शुरू से रिलायंस इंडस्ट्रीज की जरूरत के 20 प्रतिशत तेल की आपूर्ति करती आ रही है।
रोजाना पांच लाख बैरल की मात्रा 40 प्रतिशत के बराबर होगी। सऊदी अरब ने 2018-19 में भारत को 4.03 करोड़ टन तेल का निर्यात किया था जो इराक से आए 4.66 करोड़ टन से 15 प्रतिशत से कम है। रिलायंस को मिलने वाली अतिरिक्त आपूर्ति के बाद सऊदी अरब फिर पहले स्थान पर पहुंच जाएगा।