त्योहारी सीजन के बीच आम आदमी के लिए राहत भरी खबर आई है। खाद्य वस्तुओं के दाम कम होने से खुदरा महंगाई सितंबर महीने में घटकर 4.35 प्रतिशत पर आ गई। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़े के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई अगस्त 2021 में 5.30 प्रतिशत और सितंबर 2020 में 7.27 प्रतिशत थी।
पिछले साल सितंबर में 7.27 फीसदी थी
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर इस साल सितंबर में नरम होकर 0.68 प्रतिशत रही। यह पिछले महीने 3.11 प्रतिशत के मुकाबले काफी कम है।
सरकार ने रिजर्व बैंक को दी ऐसा करने की जिम्मेदारी
भारतीय रिजर्व बैंक द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पर विचार करते समय मुख्य रूप से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर पर गौर करता है। सरकार ने केंद्रीय बैंक को 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ खुदरा मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने की जिम्मेदारी दी हुई है।
खुदरा महंगाई 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान
आरबीआई ने 2021-22 के लिये सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में संतुलित जोखिम के साथ इसके 5.1 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.5 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है।
औद्योगिक उत्पादन में 11.9 फीसदी की वृद्धि
उधर, देश के औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) में अगस्त में 11.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अगस्त, 2021 में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन की वृद्धि दर 9.7 प्रतिशत रही। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में खनन क्षेत्र का उत्पादन 23.6 प्रतिशत और बिजली क्षेत्र का 16 प्रतिशत बढ़ा।
पिछले साल औद्योगिक उत्पादन घटा था
वहीं, पिछले साल अगस्त में औद्योगिक उत्पादन 7.1 प्रतिशत घटा था। चालू वित्त वर्ष के पहले पांच माह अप्रैल-अगस्त में आईआईपी में 28.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में आईआईपी में 25 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
कोरोना के चलते औद्योगिक उत्पादन प्रभावित
कोरोना वायरस महामारी की वजह से पिछले साल मार्च से औद्योगिक उत्पादन प्रभावित हुआ है। उस समय इसमें 18.7 प्रतिशत की गिरावट आई थी। अप्रैल, 2020 में लॉकडाउन की वजह से औद्योगिक गतिविधियां प्रभावित होने से औद्योगिक उत्पादन 57.3 प्रतिशत घटा था।