ब्लैक मनी को रोकने के लिए सरकार और रिजर्व बैंक कई बड़े प्रयास कर रही हैं। इसी लिस्ट में भारतीय रिजर्व बैंक ने डिमांड ड्राफ्ट के नियमों में बदलाव किए हैं। जिन्हें जानना किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत जरूरी है। इसके तहत यदि कोई व्यक्ति डिमांड ड्राफ्ट बनवाता है तो उस पर अब उसका भी नाम दर्ज होगा। अभी तक डिमांड ड्राफ्ट पर सिर्फ उसी व्यक्ति का नाम होता था, जिसके खाते में पैसा जाता था।
खास बता ये है कि आरबीआई की तरफ से लागू की गई नई व्यवस्था पे ऑर्डर और बैंकर्स चेक बनवाने पर भी लागू होगी। सेंट्रल बैंक की तरफ से गुरुवार को इस बारे में सभी बैंकों को अधिसूचना जारी कर दी गई है।
इस अधिसूचना के अनुसार 15 सितंबर 2018 से डिमांड ड्राफ्ट, पे ऑर्डर या बैंकर्स चेक बनवाने पर उस पर बनवाने वाले शख्स का नाम लिखा होगा। यह व्यवस्था करीब 60 दिन बाद लागू होगी, ऐसे में बैंकिंग तंत्र में अगर कुछ बदलाव होना है तो यह किया जा सकेगा।
बता दें कि इससे पहले भी केंद्रीय बैंक ने मनी लॉन्ड्रिंग पर लगाम कसने के मकसद से कई फैसले लिए हैं। पहले ही आरबीआई ने 50,000 रुपये से अधिक के डिमांड ड्राफ्ट की राशि को कस्टमर के अकाउंट या फिर चेक के अगेंस्ट ही जारी करने का आदेश दिया था। कैश पेमेंट से डिमांड ड्राफ्ट बनाए जाने पर रोक लग चुकी है। हालांकि फिलहाल डीडी बनवाने वाले के नाम का जिक्र नहीं किया जाता है।
गौरतलब है कि अप्रैल 2017 से 1 मार्च 2018 तक देश के विभिन्न बैंकों में 28,459 करोड़ रुपये से ज्यादा के 5,152 धोखाधड़ी के मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से अधिकतर धोखाधड़ी बैंकिंग इंस्ट्रूमेंट जैसे डिमांड ड्रॉफ्ट में कमी के कारण हुए। ऐसे में आरबीआई की तरफ से धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए यह कदम काफी प्रभावी साबित हो सकता है। सरकार की तरफ से भी लगातार भ्रष्टाचार और बैंकिंग फ्रॉड को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।