नई दिल्ली : जीएसटी के तहत चालू वित्त वर्ष के दौरान गुजरात, महाराष्ट्र और केरल सहित नौ प्रमुख राज्यों को राजस्व क्षतिपूर्ति का भुगतान 60,000 से 70,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है जो एक साल पहले की तुलना में दुगुना होगा। इक्रा की रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस भुगतान में विलम्ब से इन राज्यों के नकदी प्रवाह पर असर पड़ सकता है।
रपट के अनुसार इन नौ राज्यों में कर्नाटक, केरल, गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल भी शामिल हैं। इक्रा की इस रिपोर्ट में इस बात को लेकर भी आशंका जताई गई है कि वर्ष 2019- 20 में इन राज्यों को केन्द्रीय करों में हिस्सा 59,500 करोड़ रुपये से लेकर 77,000 करोड़ रुपये रह सकता है। यह राशि भारत सरकार द्वारा बजट में लगाये गये अनुमान से कम है।
यह भी राज्यों के लिये राजस्व के मामले में जोखिम खड़ा हो सकता है। इस लिहाज से चालू वित्त वर्ष के दौरान पूंजी खर्च वर्ष के बजट में रखे गये अनुमान से कम रह सकता है। कमजोर आर्थिक वृद्धि और जीएसटी दरों में कटौती के कारण चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से नवंबर 2019 की अवधि में जीएसटी संग्रह में 3.7 प्रतिशत की अपेक्षाकृत कम वृद्धि रही है।
इक्रा का मानना है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान राज्य जीएसटी संग्रह काफी कम रह सकता है। जीएसटी राज्य क्षतिपूर्ति कानून 2017 में संरक्षित राजस्व के मुकाबले राज्यों का जीएसटी संग्रह काफी कम रह सकता है।