नई दिल्ली : कच्चे तेल की कीमतें अगर 60 डॉलर प्रति बैरल के आसपास हो तो यह एयर इंडिया को प्राप्त होने वाले राजस्व के लिए ‘आदर्श’ स्तर है। विमानन कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) प्रदीप सिंह खरोला ने यह बातें कही। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और एयर इंडिया पर इसके प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर खरोला ने कहा कि ‘मैं मानता हूं कि अगर कच्चे तेल की कीमत 60-65 रुपये प्रति बैरल के दायरे में रहेगी, तो यह एयरलाइन के लिए अच्छा रहेगा।’ उन्होंने कंपनी के मुख्यालय एयरलाइन हाउस में कहा कि इस सीमा से ऊपर जाने पर जाहिर है कि हमारा मुनाफा प्रभावित होगा।
वैश्विक स्तर पर कई कारकों के कारण कच्चे तेल की कीमतें तीन साल के उच्चतम स्तर पर हैं, जिनमें उत्पादन में कटौती और मांग में वृद्धि प्रमुख है। 18 जनवरी 2018 को कच्चे तेल की कीमत 70 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच चुकी है। नए सीएमडी ने कहा कि साल-दर-साल आधार पर अप्रैल-दिसंबर (2017) की अवधि के दौरान एयरलाइन के राजस्व में 10 फीसदी की वृद्धि हुई है।
हाल ही में, संसद को यह सूचित किया गया कि एयर इंडिया को वित्त वर्ष 2017-18 में 3,579 करोड़ रुपये का नुकसान (बजट अनुमान के हिसाब से) होने की संभावना है, जबकि वित्त वर्ष 2016-17 में एयरलाइन को कुल 3,643 करोड़ रुपये (अनंतिम) का नुकसान हुआ था। वहीं, दूसरी तरफ एयरलाइन ने अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 2017-18 में उसका परिचालन मुनाफा 531 करोड़ रुपये (अनुमानित) रहेगा, जबकि वित्त वर्ष 2016-17 में यह 215 करोड़ रुपये था।
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