चावल की कीमतें काबू करने के लिए सरकार ने उठाए कदम, अंतरराष्ट्रीय बाजार में चावल और महंगा होने की आशंका

चावल की कीमतें काबू करने के लिए सरकार ने उठाए कदम, अंतरराष्ट्रीय बाजार में चावल और महंगा होने की आशंका
Published on
  • भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश
  • अक्टूबर 2023 में पिछले साल के मुकाबले चावल के दाम 24 फीसदी तक बढ़ गए
  • घरेलू बाजार में चावल की उपलब्धता और कीमतों को नियंत्रित करने में मिलेगी मदद

Rice Prices Surge : घरेलू बाजार में चावल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए, केंद्र सरकार ने पिछले कुछ महीनों में कई कदम उठाए हैं। इनमें टूटे चावल के निर्यात पर निर्यात शुल्क लगाना और गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाना शामिल है। इन कदमों का असर हुआ है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में चावल की कीमतें बढ़ रही हैं।

 
 

भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है। भारत दुनिया में 40 फीसदी से अधिक चावल का निर्यात करता है। अब खबर है कि भारत सरकार इन प्रतिबंधों को अगले साल तक बढ़ाने पर विचार कर रही है। इससे अक्टूबर 2023 में पिछले साल के मुकाबले चावल के दाम 24 फीसदी तक बढ़ गए ।

Rice Prices Surge : अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चावल के दाम बढ़ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र का खाद्य एवं कृषि संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर 2023 में पिछले साल के मुकाबले चावल के दाम 24 फीसदी तक बढ़ गए हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है। भारत दुनिया के 40% से अधिक चावल का निर्यात करता है। सरकार का कहना है कि इन प्रतिबंधों से घरेलू बाजार में चावल की उपलब्धता और कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।

हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इन प्रतिबंधों से अंतरराष्ट्रीय बाजार में चावल की कीमतों में वृद्धि होगी और इससे गरीब देशों के लोगों को परेशानी हो सकती है। इन बढ़ती कीमतों का कारण खराब मौसम और कम बारिश है। इन कारणों से इस साल चावल का उत्पादन कम हुआ है, जिससे मांग में वृद्धि हुई है और दाम बढ़ गए हैं।

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