नयी दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक आफ इंडिया ने आज कहा कि उसने समूह बैंक के रूप में रोटोमैक समूह की कंपनियों को कुछ कर्ज दिया था जो वित्त वर्ष 2015-16 में ही गैर निष्पादित आस्तियों एनपीए में बदल गया। बैंक ने इसके लिए 100 प्रतिशत प्रावधान पहले ही कर दिया है। बैंक ने शेयर बाजारों को दी गई सूचना में हालांकि यह खुलासा नहीं किया है कि उसने रोटोमैक समूह को कितना कर्ज दिया है। शेयर बाजारों ने रोटोमैक के मालिक के 800 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर देश से भाग जाने की खबरों पर बैंक से स्पष्टीकरण मांगा था।
बैंक ने कहा है, ‘इस संबंध में हम स्पष्ट करते हैं कि बैंक ने तय नियमों के तहत ही पिछले कुछ समय में रोटोमैक ग्रुप कंपनियों को कुछ रिण सुविधा दी थी। बैंक ने यह कर्ज समूह व्यवस्था के तहत दिया।’ इसके अनुसार इन खातों को 2015-16 में एनपीए के रूप में वर्गीकृत किया गया और इस मद में 100 प्रतिशत प्रावधान कर दिया गया। कल बैंक आफ बड़ौदा, यूनियन बैंक आफ इंडिया व इंडियन ओवरसीज बैंक ने भी इस तरह की खबरों पर अपने स्पष्टीकरण दिए थे। इस बीच सात राष्ट्रीयकृत बैंकों के 3,695 करोड़ रूपये के कर्ज का भुगतान न करने के मामले में सीबीआई ने रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी से आज यहां अपने मुख्यालय में पूछताछ की।
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