नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी सूचीबद्ध बैंकों के लिए डूबे कर्ज की सावर्जनिक सूचना संबंधी नियमों को कड़ा कर दिया है। नियामक ने सूचीबद्ध बैंकों को निर्देश दिया है कि यदि उनके डूबे कर्ज या गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के प्रावधान में निश्चित सीमा से अधिक कोई अंतर या बदलाव आता है तो उन्हें केंद्रीय बैंक से जोखिम आकलन रिपोर्ट मिलने के 24 घंटे के अंदर इसका खुलासा करना होगा।
सेबी ने एक सर्कुलर में कहा कि यह फैसला भारतीय रिजर्व बैंक के साथ विचार विमर्श में किया गया है। सेबी ने कहा कि बाजार नियामक ने फैसला किया है कि सूचीबद्ध बैंकों को डूबे कर्ज के लिए प्रावधान में एक निश्चित सीमा से अधिक के अंतर का प्रकाशन जल्द से जल्द करना होगा।
बैंकों को रिजर्व बैंक की अंतिम जोखिम आकलन रिपोर्ट (आरएआर) मिलने के 24 घंटे के अंदर यह खुलासा करना होगा। बैंक इसका प्रकाशन वार्षिक वित्तीय ब्योरे में करने के लिए इंतजार नहीं कर सकते। सेबी ने कहा कि यह नयी व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।