घरेलू शेयर बाजारों में सकारात्मक रुख के बीच मंगलवार को रुपया शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 80.27 पर खुला और शुरुआती ट्रेंड में यह 80.47 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। अमेरिकी डॉलर 20 साल के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। बता दे की बुधवार को एक डॉलर की कीमत 79.98 रुपये थी।
19 अरब डॉलर के भंडार की बिक्री
डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में गिरावट का एक प्रमुख कारण यूएस फेड द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि है। बुधवार को यूएस फेड ने महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दर में 0.75 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की थी। इससे पहले जुलाई में भी यूएस फेड ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी। आपको बता दें, रुपये की स्थिति को मजबूत करने के लिए केंद्रीय बैंक ने जुलाई में 19 अरब डॉलर के भंडार की बिक्री की थी । लेकिन स्थिति बहुत बेहतर नहीं हुई है।
विदेशी निवेशकों ने 461.04 करोड़ रुपये के शेयर बेचे
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.88 प्रतिशत बढ़कर 111.61 पर पहुंच गया। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 0.49 प्रतिशत बढ़कर 90.27 डॉलर प्रति बैरल पर था। अस्थायी शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को शुद्ध रूप से 461.04 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।