नई दिल्ली : भारत ने वैश्विक तेल बाजार को संतुलित रखने के लिए रूस से तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने का दबाव डाला है। भारत ने कच्चे तेल की पर्याप्त आपूर्ति और कीमतों को उचित स्तर पर बनाए रखने के मकसद से यह कदम उठाया है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान तीन दिन की रूस यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने रूस के ऊर्जा मंत्री अलेक्जेंडर नोवाक से मुलाकात की।
प्रधान ने बैठक के बाद ट्वीट में कहा कि नोवाक और मैंने पूरे तेल एवं गैस सहयोग की समीक्षा की। भारत कच्चे तेल और गैस के उचित और जिम्मेदार तरीके से मूल्य निर्धारण के लिए ओपेक देशों पर दबाव डाल रहा है। उसका कहना है कि कीमतों में उतार-चढ़ाव से तेल आयातक देशों को नुकसान पहुंच रहा है। प्रधान ने ट्वीट में लिखा कि रूस के ऊर्जा मंत्री नोवाक के साथ वैश्विक तेल बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव को लेकर चर्चा हुई।
यह उपभोक्ता और उत्पादक दोनों देशों के हितों को नुकसान पहुंचा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि हमने ओपेक के सहयोगी (ओपेक प्लस) सदस्य के रूप में रूस को अपनी उम्मीदों से अवगत कराया है। रूस पर्याप्त आपूर्ति और कीमतों को उचित स्तर पर रखने के लिहाज से वैश्विक तेल बाजार को संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।