स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी पॉलिसी में बदलाव करते हुए करीब 44 करोड़ ग्राहकों को फायदा पहुंचाया है। एसबीआई ने अपनी पॉलिसी में पांच बड़े बदलाव किए है। दरअसल बैंक ने सेविंग अकाउंट होल्डर्स को मिनिमम बैलेंस रखने की अनिवार्यता खत्म कर दी है। यानी अकाउंट होल्डर्स अब अपने हिसाब से बैंलेस रख सकेंगे। अब इसपर बैंक द्वारा किसी भी तरह का कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा। अभी तक ग्राहकों को अपने अकाउंट में तयशुदा राशि रखना जरूरी होता था।
ज्ञात हो, इससे पहले सेविंग अकाउंट होल्डर्स को अपने अकाउंट में मिनिमम बैंलेस रखना होता था, मेट्रो सिटी में रहने वाले अकाउंट होल्डर्स को न्यूनतम बैलेंस के तौर पर 3000 रुपए, सेमी-अर्बन अकाउंट होल्डर्स को 2000 रुपए और ग्रामीण इलाके में रहने वाले अकाउंट होल्डर्स को 1000 रुपए रखना होता था। बैलेंस मेंटेन नहीं रखने पर बैंक ग्राहकों से 5 से 15 रुपए तक की पेनल्टी चार्ज करती थी, जोकि टैक्स में भी जुड़ता है।
साथ ही खाताधारकों के लिए बुरी खबर भी है। बैंक ने बचत खाता पर ब्याज दर घटा दी है। बैंक ने बचत खाते पर ब्याज दर घटाकर 3 प्रतिशत कर दी है। मौजूदा समय में सेविंग्स अकाउंट में एक लाख रुपए से कम रखने पर सालाना 3.25 प्रतिशत का ब्याज मिलता था, जबकि एक लाख रुपए से ज्यादा रखने पर 3 प्रतिशत ब्याज मिलता था। इसके साथ ही बैंक ने SMS सेवा के लिए वसूले जाने वाले चार्ज भी पूरी तरह से खत्म कर दिया है. अकाउंट में पैसे जमा होने पर या कटने पर बैंक द्वारा एसएमएस से जानकारी दी जाती थी, जिसका बैंक तिमाही के आधार पर शुक्ल वसूलती थी। जो अब बैंक ने खत्म कर दिया है। माने अब अकाउंट होल्डर्स को किसी तरह का शुल्क नहीं देना होगा।
वहीं, एसबीआई बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट(एफडी) रखने वाले ग्राहकों को बैंक ने बड़ा झटका दिया है। बैंक ने एफडी पर मिलने वाले ब्याज दरों में कटौती की है। एक साल के लेकर दो साल या उससे कम समय के लिए एफडी पर अब तक बैंक 6 फीसदी के हिसाब से ब्याज देती थी जोकि अब घटाकर 5.90 फीसदी कर दिया है। आपको बता दे कि बैंक ने पिछले महीने यानी फरवरी के महीने में भी एफडी की ब्याज दरों में कटौती की थी।
बैंक ने अलग-अलग मैच्योरिटी समय के लिए रिटेल एफडी यानी दो करोड़ रुपए से कम पर ब्याज दरों में 0.50 प्रतिशत की कटौती की है। वहीं, सात दिन से लेकर 45 दिनों में मैच्योर होने वाली एफडी पर ब्याज दर पहले 4.50 प्रतिशत थी जो अब घटाकर 4 प्रतिशत कर दी गई है। ब्याज दरों में जो कटौती की गई है, वह 10 मार्च से ग्राहकों के डिपॉजिट पर लागू हो गई है. हालांकि, डेढ़ महीने से लेकर एक साल से कम समय के लिए की गई एफडी पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। माने 46 दिनों से लेकर 179 दिनों के लिए एफड़ी करने पर 5 प्रतिशत ब्याज दर और 180 दिन से लेकर एक साल तक के समय के लिए एफडी पर 5.5 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा।
वहीं, एक साल से लेकर दस साल तक एफडी रखने पर भी बैंक ने ब्याज दरों में कटौती की है। पहले एक से दस साल तक एफडी पर बैंक 6 प्रतिशत सालाना के हिसाब से ब्याज देता था जोकि अब 5.9 प्रतिशत कर दिया है. यानी बैंक ने 0.10 प्रतिशत की कटौती की है। साथ ही सीनीयर सिटीजन को एक साल से ज्यादा समय पर एफडी रखने पर पहले 6.5 प्रतिशत ब्याज मिलता था जोकि अब बैंक ने घटाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया है।
बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में भी कटौती की है। एमसीएलआर में बैंक ने 15 बीपीएस तक की कटौती की है, इस कटौती के साथ यह बैंक की एमसीएलआर पर लगातार दसवीं कटौती है। तीन महीने की अवधि के लिए एमसीएलआर को बैंक ने 7.65 फीसदी से घटाकर 7.50 फीसदी कर दिया है। बैंक द्वारा जारी अपने बयान में बैंक ने कहा कि एक साल के एमसीएलआर को दस बेसिस प्वाइंट घटाकर 7.85 प्रतिशत से 7.75 प्रतिशत कर दिया है।