भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने सोमवार को डिजिटल लेनदेन के लिए अपने यूजर्स के साथ दिशानिर्देशों की एक सूची साझा की। सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया अभियान को आगे बढ़ाने के साथ, इंटरनेट पर भुगतान करना भारत में लेनदेन के सबसे पसंदीदा तरीकों में से एक बन गया है। हालांकि, गलत तरीके से किए जाने पर डिजिटल लेनदेन हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं और यदि आपके अकाउंट पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं तो हैकर्स आपकी जानकारी तक आसानी से पहुंच सकते हैं। इसलिए देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाता एसबीआई ने डिजिटल लेनदेन करते समय सुरक्षित रहने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
SBI ने सुरक्षा संबंधित जरूरी दिशानिर्देश किए जारी
एसबीआई ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “एसबीआई ग्राहकों के लिए एक व्यापक डिजिटल सुरक्षा दिशानिर्देश लेकर आया है कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं, यह सुनिश्चित करने के लिए कि उनका डिजिटल लेनदेन पूरी तरह से सुरक्षित हो।” आइये जानते हैं वो बातें जो ग्राहकों को अपने डिजिटल बैंकिंग, डिजिटल लेनदेन, इलेक्ट्रॉनिक भुगतान और सोशल मीडिया सुरक्षा के सभी पहलुओं के बारे में याद रखनी चाहिए।
जानें डिजिटल लेनदेन से संबंधित दिशानिर्देश
एसबीआई कई तरह के सुझाव लेकर आया है जिसके जरिए यूजर्स लॉग इन करते समय अपने अकाउंट को सुरक्षित रख सकते हैं। यूजर को चाहिए की वह एक बहुत ही कठिन और स्ट्रांग पासवर्ड का यूज करने का प्रयास करें, इसके साथ ही अपने पासवर्ड को नियमित रूप से बदलना (चेंज) केना बिलकुल ना भूलें। अपनी यूजर आईडी, पासवर्ड या पिन को किसी के साथ शेयर बिलकुल ना करें और सबसे अहम बात यह है कि हमेशा याद रखें बैंक कभी भी आपका यूजर आईडी/पासवर्ड/कार्ड नंबर/पिन/पासवर्ड/सीवीवी/ओटीपी नहीं मांगता है। यूजर आईडी और पासवर्ड को स्टोर करने से बचने के लिए अपने डिवाइस में ‘ऑटो सेव’ या ‘रिमेंबर’ फंक्शन को डिसेबल कर दें।
आइए जानते हैं इंटरनेट और UPI सुरक्षा से जुड़ी कुछ बातें
हमेशा बैंक की वेबसाइट के एड्रेस बार में “https” देखें, खुले वाई-फाई नेटवर्क या सार्वजनिक नेटवर्क का उपयोग करके कहीं भी ऑनलाइन बैंकिंग लेनदेन करने से बचें। जब आपका काम हो जाए तो हमेशा लॉगआउट करें और ब्राउजर को बंद करना बिलकुल ना भूलें। यूपीआई सुरक्षा के लिए अपने मोबाइल पिन और यूपीआई पिन को अलग और अनियमित (Random) रखने का प्रयास करें, किसी भी अज्ञात UPI अनुरोध का जवाब न दें और उन संदिग्ध अनुरोधों की रिपोर्ट करना बिलकुल ना भूलें। हमेशा याद रखें कि पिन की जरूरत सिर्फ रकम ट्रांसफर करने के लिए होती है, पाने के लिए नहीं। अगर आपके बिना किये कोई ट्रांजैक्शन हुआ है तो अपने अकाउंट में यूपीआई सर्विस को तुरंत डिसेबल कर दें।
डेबिट/क्रेडिट कार्ड से संबंधित कुछ अहम सुरक्षा
एटीएम मशीनों या पीओएस उपकरणों के माध्यम से एटीएम लेनदेन करते समय अपने आस-पास के लोगों से सावधान रहें, पिन डालते समय कीपैड को ढक दें। लेनदेन करने से पहले हमेशा ई-कॉमर्स वेबसाइटों की प्रामाणिकता को जांच लें। ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से अपने डेबिट कार्ड लेनदेन का प्रबंधन करें, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय लेनदेन दोनों के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, पीओएस और एटीएम पर कार्ड लेनदेन की सीमा निर्धारित करें।
मोबाइल बैंकिंग से जुड़ी जरूरी सुरक्षाएं
एसबीआई के अनुसार, अगर इन चरणों का पालन नहीं किया जाता है, तो हैकर्स आपकी इंटरनेट या मोबाइल बैंकिंग जानकारी तक भी पहुंच सकते हैं। अगर आपके फोन/लैपटॉप/टैबलेट पर मजबूत पासवर्ड/बायोमेट्रिक अनुमति सक्षम होनी चाहिए, अपना मोबाइल पिन किसी के साथ साझा न करें। जहां भी संभव हो बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण का उपयोग करने का प्रयास करें, अजनबियों द्वारा सुझाया गया कोई भी अनजान ऐप डाउनलोड न करें। आवेदन केवल आधिकारिक स्टोर के माध्यम से ही डाउनलोड किए जाने चाहिए, अपने मोबाइल में इंस्टॉल किए गए महत्वपूर्ण ऐप्स की अनुमतियों की नियमित निगरानी करें और अनावश्यक ऐप्स का ट्रैक रखें। फोन को सार्वजनिक वायरलेस नेटवर्क से जोड़ने से बचें।