नई दिल्ली : बाजार नियामक सेबी के तत्काल कदम उठाए जाने से कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड के 90 फीसदी निवेशकों को दो हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की प्रतिभूतियां वापस मिल गई हैं। ब्रोकर ने इन प्रतिभूतियों को अवैध तरीके से अपने खाते में हस्तांतरित कर उसे गिरवी रख दिया था।
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड ने सोमवार को बताया कि सेबी के तत्काल उठाए गए सख्त कदमों से निवेशकों की पूंजी डूबने से बच गई। अभी तक 90 फीसदी निवेशकों को पैसे वापस मिल चुके हैं और शेष को बकाया चुकाते ही मिल जाएंगे। कार्वी ने 95 हजार निवेशकों की करीब 2,300 करोड़ रुपये की प्रतिभूतियों को गिरवी रख 600 करोड़ का कर्ज ले लिया था। इनमें से करीब 82,599 ग्राहकों को उनकी प्रतिभूतियां वापस मिल गई हैं।
बाजार के जानकारों का कहना है कि अगर सेबी समय पर कदम नहीं उठाता तो कर्जदाता इन प्रतिभूतियों को भुना सकते थे। कार्वी ने इस धोखाधड़ी के लिए ग्राहकों की पॉवर ऑफ अटार्नी (पीओए) का दुरुपयोग किया था। इसके साथ ही कार्वी को ग्राहकों की पीओए इस्तेमाल करने पर भी रोक लगा दी है।
कार्वी कारोबारी गतिविधियों को निपटाने के लिए इसके इस्तेमाल की अनुमति मांगी थी। बाजार नियमों का पालन नहीं करने पर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने कार्वी का लाइसेंस निरस्त कर दिया है। अब यह ब्रोकिंग कंपनी शेयर बाजार में कारोबार नहीं कर सकेगी।