दिल्ली एयरपोर्ट पर अगले साल तक 'फुल बॉडी स्कैनर' लगाए जाने की उम्मीद है। इसके साथ ही कंप्यूटर टोमोग्राफी एक्स-रे को भी शुरू किया जा सकता है। नागरिक विमानन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) के डीजी जुल्फिकार हसन ने कहा कि कुछ प्रावधान संबंधी मुद्दों के कारण, कुछ एयरपोर्ट पर 'फुल-बॉडी स्कैनर' और 'सीटीएक्स स्कैनर' स्थापित करने की समय सीमा बढ़ाई जा रही है। दोनों इक्यूपमेंट को 31 दिसंबर तक शुरू किया जाना था।
उन्होंने आगे कहा, 'हमें फुल बॉडी स्कैनर और एक्स-रे मशीन के 2024 मई तक स्थापित किए जाने की उम्मीद है। दोनों के अगले साल मई तक दिल्ली एयरपोर्ट पर शुरू हो सकते है। बीसीएएस ने एयरपोर्ट पर कंप्यूटर टोमोग्राफी तकनीक से लैस स्कैनर लगाने की पिछले साल सिफारिश की थी।
यह एक ऐसी डिवाइस है, जो सेफ्टी के मकसद से लगाया जाती है। यह किसी व्यक्ति की बॉडी पर और उसके अंदर छिपी चीजों का पता लगाने में सक्षम है। इसके लिए शरीर पर पहने गए कपड़ां को हटाने की भी जरूरत नहीं होती। दिल्ली एयरपोर्ट पर लगने वाले एक्स-रे-आधारित स्कैनर के जरिये सिक्योरिटी जांच में मदद मिलेगी। फुल बॉडी स्कैनर का इस्तेमाल एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और अन्य पब्लिक प्लेस पर सुरक्षा जांच के लिए किया जाता है।
सीटीएक्स स्कैनर लगाए जाने के बाद यात्रियों को एयरपोर्अ पर सुरक्षा जांच के दौरान इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को अपने सामान से अलग नहीं निकालना पड़ेगा। अभी एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच के दौरान यात्रियों को इलेक्ट्रॉनिक सामान अलग 'ट्रे' में निकालकर रखना पड़ता है। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि "यात्रियों के सफर को बेहतर करने के लिए एयरपोर्ट के प्रवेश द्वार, इमीग्रेशन डेस्क और सिक्योरिटी में भी सुधार किया गया है।"
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