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सेंसेक्स 192 अंक टूटा, साप्ताहिक आधार पर मजबूत

उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 191.77 अंक यानी 0.48 प्रतिशत की गिरावट के साथ 39,394.64 अंक पर बंद हुआ।

मुंबई : वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बीच सेबी और आरबीआई के कदम से घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को गिरावट का रुख रहा और बीएसई सेंसेक्स 192 अंक टूटकर बंद हुआ। कारोबारियों के अनुसार सेबी के म्यूचुअल फंड नियमों को कड़ा किये जाने तथा आरबीआई की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को लेकर अधिक सतर्क रहने की सिफारिश के बाद घरेलू कारोबारी धारणा पर असर पड़ा। वहीं जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता से पहले निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया। 
उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 191.77 अंक यानी 0.48 प्रतिशत की गिरावट के साथ 39,394.64 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह नीचे में 39,361.92 तथा ऊंचे में 39,675.25 अंक पर बंद हुआ। रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक तथा टीसीएस के शेयरों में नुकसान के साथ यह गिरावट आयी। 
नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 52.70 अंक अर्थात 0.45 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,788.85 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सूचकांक नीचे में 11,775.50 तथा ऊंचे में 11,871.70 अंक तक गया। 
हालांकि सप्ताहिक आधार पर दोनों सूचकांक लाभ में रहे। सप्ताह के दौरान सेंसेक्स 200.15 यानी 0.51 प्रतिशत जबकि निफ्टी 64.75 अंक यानी 0.55 प्रतिशत मजबूत हुए। 
सेंसेक्स में नुकसान में रहने वाले शेयरों में यस बैंक, इंडसइंड बैंक, टाटा मोटर्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज, ओएनजीसी, बजाज आटो, वेदांता, टाटा स्टील, टीसीएस, एचडीएफसी बैंक तथा आईसीआईसीआई बैंक शामिल हैं। इनमें 3.29 प्रतिशत तक की गिरावट आयी। वहीं दूसरी तरफ बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक, एनटीपीसी, मारुति, एचयूएल तथा टेक महिंद्रा 1.05 प्रतिशत तक मजबूत हुए। कारोबारियों के अनुसार एशिया के अन्य बाजारों में कमजोर रुख का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा। इसका कारण निवेशकों की जापान के ओसाका में हो रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में व्यापार संबंधित गतिविधियों पर नजर है।
इसके अलावा निवेशकों की भारत-अमेरिका चिंता को लेकर बैठक पर भी निगाह है। साथ ही सेबी के बृहस्पतिवार को म्यूचुअल फंड नियमों को कड़ा किये जाने से भी घरेलू कारोबारी धारणा प्रभावित हुई। इसमें लिक्विड फंड योजनाएं बेचने वाले म्यूचुअल फंडों के लिये सरकारी प्रतिभूतियों और ट्रेजरी बिल जैसी नकदी समतुल्य तरल संपत्तियों में अपने धन का कम से कम 20 प्रतिशत निवेश अनिवार्य करना तथा शेयर गिरवी रख कर धन लेने वाली कंपनियों के साथ यथास्थिति बनाए रखने का कोई करार करने पर पाबंदी शामिल हैं। 
इस बीच, अपनी छमाही वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में रिजर्व बैंक ने एनबीएफसी को लेकर सतर्क रहने की सिफारिश की है। 
सैंकटम वेल्थ मैनेजमेंट के मुख्य निवेश अधिकारी सुनील शर्मा ने कहा कि आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) की मांग को लेकर चिंता से आईटी कंपनियों पर असर पड़ा। इससे सूचकांक नीचे आये। उन्होंने कहा कि जापान के ओसाका में जी-20 शिखर सम्मेलन शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ द्विपक्षीय बातचीत हुई है। निवेशक जी-20 शिखर सम्मेलन से सकारात्मक नतीजे की उम्मीद कर रहे हैं।’’ 
क्षेत्रवार बीएसई एनर्जी, धातु, दूरसंचार, तेल एवं गेस, मूल सामग्री, बैंक तथा वाहन सूचकांकों में 1.52 प्रतिशत की गिरावट आयी। हालांकि रीयल्टी, उपभोक्ता टिकाऊ, रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों और स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी कंपनियों के शेयर 0.58 प्रतिशत मजबूत हुए। 

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