जानें Share Market में क्या होता है अपर-लोअर सर्किट

जानें Share Market में क्या होता है अपर-लोअर सर्किट
Published on

Share Market: शेयर बाजार (Share Market) में आए दिन हमें अपर सर्किट (Upper Circuit) और लोअर सर्किट (Lower Circuit) के बारे में सुनने को मिलता है। यह सर्किट तमाम कंपनियों के शेयरों पर तो लगता ही है, साथ ही निफ्टी-सेंसेक्स (Nifty-Sensex) जैसे इंडेक्स पर भी लगता है।

Share Market में अपर-लोअर सर्किट

अगर आप शेयर बाजार के निवेशक हैं तो आप अक्सर अपर सर्किट और लोअर सर्किट के बारे में सुनते होंगे। निवेशकों के लिए इसके बारे में जानना जरूरी है। निवेशकों को अचानक बड़े नुकसान या भारी लाभ से बचाने के लिए और बाजार की अस्थिरता को नियंत्रित करने के लिए स्टॉक एक्सचेंज किसी खास शेयर के लिए एक लिमिट तय कर देते हैं। शेयर बाजार में किसी भी स्टॉक में पैसा लगाने से पहले सर्किट लिमिट को चेक करना चाहिए।

क्या होता है अपर सर्किट

कभी-कभी किसी कंपनी में निवेशकों की रूचि बढ़ जाती है। ऐसे में उस कंपनी के शेयर का दाम आसमान छूने लगता है। ऐसे में अपर सर्किट का प्रावधान है। निश्चित सीमा तक शेयर का दाम पहुंचते ही उसमें अपर सर्किट लग जाएगा और उसकी ट्रेडिंग बंद हो जाएगी. अपर सर्किट के भी 3 चरण होते हैं। यह 10 फीसदी, 15 फीसदी और 20 फीसदी पर लगाया जाता है।

क्या होता है लोअर सर्किट

कई बार किसी कंपनी के शेयर तेजी से गिरते जाते हैं। ऐसे में उस शेयर में बहुत ज्यादा गिरावट ना आए, इसलिए सर्किट लगाया जाता है। ऐसी स्थिति में किसी कंपनी में अचानक सब लोग शेयर बेचना शुरू कर दें तो एक निश्चित सीमा तक ही उस शेयर का मूल्य घटेगा और उसकी ट्रेडिंग बंद हो जाएगी। यह जो मूल्य घटने की सीमा है, उसे ही लोअर सर्किट कहते हैं। लोअर सर्किट के 3 चरण होते हैं। यह 10 फीसदी, 15 फीसदी और 20 फीसदी की गिरावट पर लगाया जाता है।

(Input From ANI)

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel 'PUNJAB KESARI' को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Related Stories

No stories found.
logo
Punjab Kesari
www.punjabkesari.com