आमतौर पर हवाई सफर करने वाले लोगों को महंगाई की मार पड़ने वाली है। विमानन ईंधन (ATF) की कीमतों के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच जाने के बाद घरेलू विमानन कंपनियों (Airlines) के पास हवाई किराया तत्काल बढ़ाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं रह गया है। ऐसे में स्पाइसजेट (SpiceJet) ने अपने किराये में बढ़ोतरी कर सकती है।
स्पाइसजेट के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा कि परिचालन लागत वहनीय बनी रहे इसके लिए हवाई किराये में कम से कम 10 से 15 फीसदी की वृद्धि करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जून 2021 से विमानन ईंधन के दाम 120 फीसदी से ज्यादा बढ़े हैं। यह भारी बढ़ोतरी झेलने लायक नहीं है।
केंद्र व राज्य सरकारों को तत्काल एटीएफ पर टैक्स कम करना चाहिए, जो दुनिया में सबसे ज्यादा में से एक है। उन्होंने कहा कि विमानन कंपनियों ने पिछले कुछ महीनों के दौरान एटीएफ की बढ़ती कीमतों का बोझ खुद संभालने का हर संभव प्रयास किया है, लेकिन अब ऐसा करना संभव नहीं रह गया है।
विमानन ईंधन की कीमतों में हुई बढ़ोतरी
विमानन ईंधन की कीमतों में गुरुवार को एक बार फिर से बढ़ोतरी की गई। अब दिल्ली में एटीएफ का भाव 16.3 फीसदी बढ़कर 1.41 लाख रुपये प्रति किलोलीटर है। यह एटीएफ का ऑल टाइम हाई रेट है। सिर्फ इसी साल एटीएफ की कीमतें लगभग डबल हो गई हैं, जबकि पिछले छह महीने में इसका भाव 91 फीसदी चढ़ा है। इस साल जनवरी में एटीएफ की कीमत महज 72,062 रुपये प्रति किलोलीटर थी।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण मार्च 2020 में लगाए गए दो महीने के लॉकडाउन के बाद 25 मई 2020 को जब हवाई सेवाएं बहाल हुई थीं तब सरकार ने विमान उड़ान की अवधि के आधार पर घरेलू हवाई किराये की निम्न और उच्च सीमा निर्धारित की थी। वहीं रूस और यूक्रेन के बीच इस वर्ष 24 फरवरी को शुरू हुए युद्ध के बाद से ईंधन की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।