वैश्विक महामारी के चलते देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। इस बीच, डॉलर की मजबूती के बीच कोविड-19 से जुड़ी चिंताओं के निवेशकों की धारणा पर हावी होने के कारण शुक्रवार को अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपया छह पैसे टूटकर 76.20 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। मुद्रा कारोबारियों के अनुसार अन्य वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने, भारत-चीन के बीच सीमा तनाव और कोरोना वायरस संक्रमितों की बढ़ती संख्या के चलते रुपये पर दबाव रहा।
हालांकि, घरेलू शेयर बाजारों की तेजी और विदेशी पूंजी के नये प्रवाह से स्थानीय मुद्रा में गिरावट पर अंकुश लगा। शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया 76.28 पर खुला। कारोबार के दौरान इसने 76.17 के उच्चतम और 76.29 के निम्नतम स्तर को छुआ। इस उतार-चढ़ाव के बाद यह पिछले दिवस के मुकाबले छह पैसे टूटकर 76.20 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। बृहस्पतिवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 76.14 पर बंद हुआ था।
इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के बास्केट में डॉलर का सूचकांक 0.03 प्रतिशत बढ़कर 97.44 पर पहुंच गया। वैश्विक बाजार में ब्रेंट कच्चा तेल भाव 2.51 प्रतिशत बढ़कर 42.55 डॉलर प्रति बैरल रहा। इस पूरे सप्ताह के दौरान रुपये में 36 पैसे की गिरावट रही। रुपया 12 जून को 75.85 प्रति डॉलर पर रहा था। एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख (मुद्रा) राहुल गुप्ता ने कहा, ‘‘निवेशकों का ध्यान मुख्य तौर से कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर और भारत तथा चीन के सीमा विवाद पर रहा। इनके कारण उत्पन्न अनिश्चितता ने हाजिर बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया में बड़े उतार या चढ़ाव पर लगाम लगाया।’’