आज सैमसंग कंपनी अपने स्टाइलिश स्मार्ट फ़ोन्स के लिए दुनिया भर में मशहूर है पर शायद आप नहीं जानते होंगे की कभी ये कंपनी कभी सब्जी, नूडल्स और मछली बेचा करती थी। सुनने में हैरानी जरूर होती है पर ये सच है। आइये आपको बताते है कभी मात्र ३० डॉलर से शुरू की गयी एक दुकान कैसे आज दुनिया की सबसे बड़ी स्मार्टफोन मेकिंग कंपनी बन गई है।
सैमसंग दक्षिण कोरिया की एक कंपनी है और इसका मुख्यालय सैमसंग टाउन, सियोल में है।सैमसंग शब्द कोरियन भाषा से लिया गया है, जिसका अंग्रेजी भाषा में अर्थ थ्री-स्टार्स होता है। सैमसंग 1938 में ली ब्यूंग-चुल द्वारा एक ट्रेडिंग कंपनी के रूप में स्थापित किया गया था।
वर्ष 1938 में शुरू की गयी ये कंपनी आज दुनियाभर में मशहूर है और 80 अलग-अलग तरह के बिजनेस में अपना हाथ आजमा चुकी है। आज सैमसंग एक समूह है, जिसमें सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स, सैमसंग लाइफ इंश्योरेंस, सैमसंग फायर, सैमसंग मरीऩ जैसी कई कंपनियां हैं।
आपको बता दें जब इस कंपनी की शुरुआत की गयी थी तब इस कंपनी में 40 लोगों का स्टाफ था और आज इसमें दुनिया भर के करीब 3,75,000 लोग काम करते है। सैमसंग की सबसे बड़ी प्रतिस्पर्धी कंपनी एप्पल के पास केवल 80,300 कर्मचारी हैं। सैमसंग ने 1960 के दशक के अंत में इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में प्रवेश किया।
कंस्ट्रकशन , जहाज निर्माण खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र, बीमा, प्रतिभूति और खुदरा क्षेत्र के व्यापार उद्योगों में सैमसंग लगातार सक्रिय रही है। आज सैमसंग का दक्षिण कोरिया के आर्थिक विकास, राजनीति, मीडिया और संस्कृति पर एक शक्तिशाली प्रभाव है। आप शायद नहीं जानते होंगे सैमसंग ने दुनिया की सबसे ऊंची बिल्डिंग बुर्ज खलीफा भी बनाई है।
1987 में सैमसंग के संस्थापक ली-ब्यूंग-चुल की मृत्यु के बाद इस कंपनी को को 4 व्यापारिक समूहों में विभाजित किया गया -1 सैमसंग समूह, 2 शिनशेग ग्रुप, 3 सीजे समूह और 4 हंसोल समूह।
1990 में सैमसंग का उदय अन्तरराष्ट्रीय निगम (international corporation) के रूप में हुआ। अपनी गैलेक्सी रेंज की मदद से सैमसंग दुनिया की सबसे बड़ी स्मार्टफोन मेकिंग कंपनी बन गई है। आज ये सैमसंग कंपनी दुनियाभर से करीब 300 बिलियन डॉलर का रेवन्यू जेनरेट करती है। अगर भारतीय रुपये में बात करे तो 2 लाख करोड रुपये के बराबर है।