दूरसंचार क्षेत्र के दिग्गज सुनील मित्तल ने चीन की कंपनी हुवावेई का बचाव करते हुए कहा है कि उसके उत्पाद प्रतिद्वंद्वी कंपनियों की तुलना में ‘आगे’ और ‘श्रेष्ठ’ हैं। हुवावेई की वकालत करते हुये मित्तल ने कहा कि कंपनी को ‘काम करने’ का मौका मिलना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने चीन की इस दूरसंचार उपकरण कंपनी को लेकर सुरक्षा संबंधी चिंताओं को उठाया है। अमेरिका का कहना है कि उसके द्वारा चीन की कंपनी का विरोध संरक्षणवाद नहीं है। वह ‘उचित सुरक्षा जोखिमों’ की वजह से चीनी कंपनी का विरोध कर रहा है।
भारती एंटरप्राइजेज के चेयरमैन मित्तल ने यहां भारत आर्थिक सम्मेलन में हुवावेई के प्रौद्योगिकी कौशल का समर्थन करते हुये कहा कि पिछले 10 से 12 साल में उनकी कंपनी हुवावेई के उत्पादों के जरिये ‘काफी अच्छी’ हो गई है। मित्तल ने कहा, ‘‘मैंने हुवावेई के साथ एरिक्सन और नोकिया के उत्पादों का भी इस्तेमाल किया है। मैं कह सकता हूं कि हुवावेई के 3जी और 4जी उत्पाद इन दोनों कंपनियों से काफी अच्छे हैं।’’
उन्होंने कहा कि हुवावेई के प्रौद्योगिकी क्षेत्र के कौशल से वह हैरान हुए थे। कंपनी अपने उत्पादों को ऐसे स्तर पर ले जा चुकी है जहां वह अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे है। हालांकि, साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘क्या उन्होंने अमेरिका के बौद्धिक संपदा का उल्लंघन किया है? मुझे इस बात की जानकारी नहीं है।’’
अमेरिका ने सुरक्षा और बौद्धिक संपदा चिंताओं की वजह से अपनी कंपनियों के हुवावेई के साथ कारोबार करने पर रोक लगा दी है। भारत ने अभी इस बात पर कोई फैसला नहीं किया है कि हुवावेई को 5जी परीक्षण में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी या नहीं।
मित्तल ने कहा कि भारत इस बारे में अमेरिका की सलाह को सावधानी से लेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत को इस बारे में चीन के साथ अपने रिश्तों के आधार पर फैसला करना होगा।