लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

कच्चे तेल में आई तेजी, ट्रंप के संकेत से मिला सपोर्ट

विदेशी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा तेल बाजार में छिड़ी कीमत जंग में हस्तक्षेप करने का संकेत मिलने के कारण तेल की कीमतों में तेजी आई है

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में 18 साल के निचले स्तर पर पहुंचने के बाद रिकवरी आई है। वहीं शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन तेजी का सिलसिला जारी रहा। अंतर्राष्ट्रीय बाजार से मिले संकेतों से घरेलू वायदा बाजार में भी कच्चे तेल में तेजी बनी रही। 
विदेशी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा तेल बाजार में छिड़ी कीमत जंग में हस्तक्षेप करने का संकेत मिलने के कारण तेल की कीमतों में तेजी आई है। हालांकि जानकार बताते हैं कि कोरोना के प्रकोप से दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां चरमरा गई हैं जिससे तेल की मांग कम हो गई है इसलिए कच्चे तेल के दाम में आगे तेजी बने रहने की उम्मीद कम है।
देश के सबसे वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्सच) पर दोपहर 12.28 बजे कच्चे तेल के अप्रैल अनुबंध में पिछले सत्र से 155 रुपये यानी 7.83 फीसदी की तेजी के साथ 2,135 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था। दो दिन पहले 18 मार्च को एमसीएक्स पर कच्चे तेल का दाम 1,583 रुपये प्रति बैरल तक लुढ़का था, जिसके बाद जोरदार रिकवरी आई है और बीते सत्र में कच्चे तेल के दाम में 23 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया। 
कोरोना के कहर और तेल बाजार में छिड़ी कीमतों की जंग के चलते बीते दिनों कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई। इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड के मई अनुबंध में पिछले सत्र से 4.04 फीसदी की तेजी के साथ 29.62 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था, जबकि दो दिन पहले बुधवार को इससे पहले ब्रेंट का भाव 24.52 डॉलर प्रति बैरल तक गिरा था।वहीं, न्यूयॉर्क मर्केटाइल एक्सचेंज (नायमैक्स) पर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) के मई के डिलेवरी अनुबंध में 5.33 फीसदी की तेजी के साथ 27.29 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था, जबकि बुधवार को डब्ल्यूटीआई का भाव 20.06 डॉलर प्रति बैरल तक गिरा जो कि बीते 18 साल का सबसे निचला स्तर है। 
बता दें कि तेज निर्यातक देशों का समूह ओपेक और रूस के बीच, बीते दिनों में कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती को लेकर सहमति नहीं बनने के बाद बाजार की हिस्सेदारी को लेकर ओपेक में शामिल प्रमुख तेल उत्पादक सउदी अरब और गैर-ओपेक सदस्य रूस के बीच कीमत की जंग छिड़ गई है, जिससे तेल की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली। विदेशी मीडिया के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तेल बाजार में स्थिरता लाने के लिए मौजूदा प्राइस वार में हस्तक्षेप कर सकते हैं।
 एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट (एनर्जी एवं करेंसी रिसर्च) ने आईएएनएस से कहा कि तेल के दाम में गिरावट से सबसे ज्यादा नुकसान अमेरिकी उत्पादक कंपनियों को हुआ है। अमेरिका में शेल से तेल का उत्पादन ज्यादा खर्चीला है, इसलिए अमेरिकी राष्ट्रपति हस्तक्षेप करें तो इसमें कोई अचरज नहीं है, लेकिन तेल के दाम में ज्यादा उठाव की उम्मीद कम है।
 वहीं, केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने कहा कि कोरोनावायरस के प्रकोप से दुनियाभर दुनियाभर में परिवहन व्यवस्था और उद्योग धंधे प्रभावित हुए हैं जिससे तेल की मांग काफी घट गई है, इसलिए बहरहाल बड़ी तेजी की संभावना नहीं दिखती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

8 + eight =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।