नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने जेट एयरवेज का परिचालन अस्थायी रूप से बंद होने के बाद शनिवार को विमानन क्षेत्र की स्थिति का जायजा लिया। सुरेश प्रभु ने यहां नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला के साथ एक बैठक की। इसके बाद उन्होंने ट्वीट कर बताया कि इस बैठक में विमानन क्षेत्र के हालात पर चर्चा हुई। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में मुख्य रूप से जेट एयरवेज का परिचालन बंद होने के बाद विमानन क्षेत्र में क्षमता की कमी, बढ़ते किराये और इनसे निपटने के उपायों पर चर्चा हुई।
उल्लेखनीय है कि जेट एयरवेज ने 17 अप्रैल को अपनी घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय सेवाएं ‘‘अस्थायी तौर पर’’ बंद करने की घोषणा की। विमानों का किराया नहीं चुकाने के कारण विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियां पहले से ही उसके विमान वापस लेने शुरू कर चुकी थीं जिससे बंद होने के समय तक कंपनी की क्षमता घटकर 10 प्रतिशत से भी कम रह गयी थी।
खरोला ने 18 अप्रैल को विमान सेवा कंपनियों और हवाई अड्डा संचालकों के साथ अलग-अलग बैठक की जिसमें एयरलाइंस से अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए कहा गया है जबकि हवाई अड्डों पर जेट के खाली हुये स्लॉटों के आवंटन की रूपरेखा तैयार की गयी है। ऋणदाता बैंकों द्वारा शुरू की गयी समाधान प्रक्रिया के तहत जेट एयरवेज की 75 प्रतिशत तक हिस्सेदारी बेचने का काम वित्तीय निविदा के चरण है। भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले कंसोर्टियम का कहना है कि 10 मई तक बोली प्रक्रिया पूरी हो जायेगी।