दूरसंचार विभाग ने गेल से कहा- 1.72 लाख करोड़ रुपये का बकाया चुकाए - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

दूरसंचार विभाग ने गेल से कहा- 1.72 लाख करोड़ रुपये का बकाया चुकाए

दूरसंचार विभाग ने सार्वजनिक क्षेत्र की गैस कंपनी गेल इंडिया लि. से 1.72 लाख करोड़ रुपये का पिछला सांविधिक बकाया चुकाने को कहा है।

दूरसंचार विभाग ने सार्वजनिक क्षेत्र की गैस कंपनी गेल इंडिया लि. से 1.72 लाख करोड़ रुपये का पिछला सांविधिक बकाया चुकाने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल में यह व्यवस्था दी है कि सरकारी बकाया के भुगतान में किस राजस्व को शामिल किया जा सकता है। 
मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि दूरसंचार विभाग ने गेल को पिछले महीने पत्र भेजकर आईपी-1 और आईपी-2 लाइसेंस के अलावा इंटरनेट सेवा प्रदाता (आईएसपी) लाइसेंस का 1,72,655 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा है। इसके जवाब में गेल ने दूरसंचार विभाग से कहा है कि वह सरकार को जितना भुगतान कर चुकी है, उसके अलावा उसपर कोई बकाया नहीं बनता है। 
गेल ने कहा है कि उसने आईएसपी लाइसेंस 2002 में 15 साल के लिए हासिल किया था। लेकिन गेल ने कभी इस लाइसेंस के तहत कारोबार नहीं किया और न ही उसे कोई राजस्व हासिल हुआ। ऐसे में वह इसके लिए कोई भुगतान नहीं कर पाएगी। इसी तरह आईपी-1 और आईपी-2 लाइसेंस के बारे में गेल ने विभाग से कहा है कि उसे 2001-12 में 35 करोड़ रुपय की कमाई हुई, न कि 2,49,788 करोड़ रुपये, जिसके आधार पर पिछला बकाया मांगा जा रहा है। 
सुप्रीम कोर्ट ने 24 अक्टूबर को व्यवस्था दी थी कि स्पेक्ट्रम का कंपनियों से सांविधिक बकाये की गणना के लिए सरकार की ओर से आवंटित स्पेक्ट्रम से हासिल गैर दूरसंचार राजस्व को भी शामिल किया जाएगा। सरकारी लाइसेंस और स्पेक्ट्रम के इस्तेमाल से भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियों को बेशक गैर दूरसंचार आय हुई हो, लेकिन गेल को इस तरह का कोई राजस्व नहीं मिला है। 
दूरसंचार विभाग सभी दूरसंचार कंपनियों से सांविधिक बकाये का 1.47 लाख करोड़ रुपये चुकाने को कह रहा है। गेल के अलावा दूरसंचार विभाग ने पावरग्रिड से भी बकाये का 1.25 लाख करोड़ रुपये चुकाने को कहा है। पावरग्रिड के पास राष्ट्रीय लंबी दूरी के अलावा इंटरनेट लाइसेंस भी है। पावरग्रिड ने कहा है कि 2006-07 से उसका समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) 3,566 करोड़ रुपये रहा है। जुर्माना जोड़ने के बाद यह 22,168 करोड़ रुपये बैठता है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

13 + six =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।