आज संसद में भारत का आम बजट पेश हो रहा है और व्यापारी से लेकर आम जन के बीच कई मुद्दे है जिनके ऊपर चर्चा गर्म है। कुछ बड़े मुद्द्दों में से एक है टैक्स। टैक्स को लेकर कई तरह की विषमताएं देखने को मिल रही है और आम लोगों की यहीं मांग है की टैक्स की मार से उन्हें बचाया जाए।
ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती जो भारत सरकार के सामने है वो ये की टैक्स दरों में कैसे छूट दी जाये और टैक्स स्लैब में न्यूनतम राशि को बढाया जा सके। बाकी देशों की बात की जाये तो बहुत से ऐसे देश है जहाँ पर भारत की तुलना में काफी अधिक टैक्स चुकाना पड़ता है पर इसके साथ ही लोगों को काफी ऐसी सुविधाएँ प्राप्त होती है जो भारत में उपलब्ध नहीं है।
आज हम आपको ऐसे देशों के बारे में बता रहे है जहाँ पर नागरिक सबसे ज्यादा टैक्स चुकाते है। ये सभी देश
आर्थिक सहयोग तथा विकास संगठन यानी ओईसीडी का हिस्सा है। इस संगठन में करीब 35 देश शामिल है। इस सूची में अधिकतर देश यूरोपीय देश है।
सबसे ज्यादा टैक्स देने की सूची में बेल्जियम के नागरिक पहले स्थान पर है जो अपनी मासिक आये का करीब 54% हिस्सा टैक्स के रूप में चुकाते है। इसके बाद दुसरे नंबर पर जर्मनी आता है जहाँ नागरिक को अपनी आय से करीब 49.4% रकम टैक्स में देना पड़ता है।
इस लिस्ट में तीसरे स्थान पर हंगरी काबिज़ है जहाँ पर लोगों को अपनी आय का 48.2% हिस्सा टैक्स में देना पड़ता है। टैक्स की इतनी उच्च दरों को वसूलने के बाद ये देश नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा के साथ साथ कई तरह की पारिवारिक सेवाएं भी उपलब्ध कराते है।
इसी तरह इस संगठन में ऐसे भी देश है जहाँ पर इन देशों की तुलना में कम टैक्स भी चुकाया जाता है। इस लिस्ट में बहुत कम ही यूरोपीय देश है। न्यूनतम टैक्स वसूलने वाले देशों में चिली ऐसा देश है जहाँ मात्र नागरिकों की आय का महज़ 7% हिस्सा ही टैक्स में चुकाना पड़ता है। इसके बाद दुसरे नंबर पर
न्यूज़ीलैण्ड है जहाँ पर आय का 17.9% और नीचे से तीसरे स्थान पर मेक्सिको है जहाँ पर 20.1% टैक्स देने का प्रावधान है। आर्थिक सहयोग तथा विकास संगठन में दुनिया की महाशक्ति अमेरिका भी शामिल है जहाँ पर लोगों को अपनी आय का 31.7% हिस्सा टैक्स में चुकाना पड़ता है।
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