कोरोना महामारी के बीच शुक्रवार को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने वित्त वर्ष 2019-20 के जीडीपी ग्रोथ रेट के आंकड़े पेश किए हैं। पूरे वित्त वर्ष की बात करें तो जीडीपी ग्रोथ रेट 4.2 प्रतिशत रही, जोकि पिछले वित्त वर्ष में 6.1 प्रतिशत थी। हालांकि, इससे पहले सरकार की ओर से कहा था कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर बीते वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में घटकर 3.1 प्रतिशत पर आ गई। वृद्धि दर के आंकड़ों पर कोविड-19 संकट का प्रभाव भी पड़ा है।
इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रही थी। बीते पूरे वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 4.2 प्रतिशत पर आ गई है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 6.1 प्रतिशत रही थी। कोविड-19 पर काबू के लिए सरकार ने 25 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा की थी। लेकिन जनवरी-मार्च के दौरान दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां सुस्त रहीं, जिसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा।
भारतीय रिजर्व बैंक ने 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। एनएसओ ने इस साल जनवरी फरवरी में जारी पहले और दूसरे अग्रिम अनुमान में वृद्धि दर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। कोरोना वायरस महामारी की वजह से जनवरी-मार्च, 2020 के दौरान चीन की अर्थव्यवस्था में 6.8 प्रतिशत की गिरावट आई है।