नई दिल्ली : देश के आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर दिसंबर 2017 में घटकर पांच महीने के निचले स्तर पर चार प्रतिशत रही। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार कोयला व कच्चे तेल जैसे क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन से कुल मिला कर बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर प्रभावित हुई। जुलाई 2017 के बाद बुनियादी उद्योगों की यह न्यूनतम वृद्धि दर है। गत जुलाई में इन क्षेत्रों में 2.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी थी। बुनियादी उद्योगों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट व बिजली उत्पादन उद्योग शामिल हैं। दिसंबर 2016 में इनकी वृद्धि दर 5.6 प्रतिशत रही थी।
आलोच्य महीने में कोयला व कच्चे तेल क्षेत्रों का उत्पादन क्रमश: 0.1 प्रतिशत व 2.1 प्रतिशत घटा। वहीं इस्पात तथा बिजली उत्पादन क्षेत्रों की वृद्धि दर इस दौरान घटकर क्रमश: 2.6 प्रतिशत व 3.3 प्रतिशत रही जो कि दिसंबर 2016 में क्रमश: 15.9 प्रतिशत व 6.4 प्रतिशत रही थी। रिफाइनरी उत्पादों, प्राकृतिक गैस आदि क्षेत्रों ने दिसंबर 2017 में अच्छी वृद्धि दर्ज की। संचयी आधार पर मौजूदा वित्त वर्ष की अप्रैल दिसंबर अवधि में आठ बुनियादी ढांचा क्षेत्रों की वृद्धि दर घटकर चार प्रतिशत रह गई जो पूर्व वित्त वर्ष में 5.3 प्रतिशत थी। वृद्धि का असर औद्योगिक उत्पादन सूचकांक आईआईपी पर दिखेगा क्योंकि कुल औद्योगिक उत्पादन में इन आठ क्षेत्रों का भार लगभग 41 प्रतिशत है।
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