Petrol- Diesel Price: जब क्रूड ऑयल के दाम 123 डॉलर प्रति बैरल पहुंचा था तो तब सरकार ने एक्साइज ड्यूटी कम करके मार्केट में पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ने दिए थे।
ग्लोबल मार्केट में अक्सर कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ावा आता रहता है। हाला में क्रूड का भाव 78 डॉलर प्रति बैरल तक चला गया था। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर जब इसकी कमी नहीं है तो कीमतों में उछाल क्यों आ रहा है। अब केंद्रीय मंत्री ने इसका सच बताया है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि दुनिया के पास पर्याप्त कच्चा तेल है और बाजार में आपूर्ति अधिक हो रही है, इससे कच्चे तेल की कीमतें कम होने की उम्मीद है।
भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरत का 85 प्रतिशत से अधिक आयात करता है और वैश्विक दरों में कोई भी वृद्धि न केवल आयात बिल को बल्कि महंगाई को भी बढ़ाती है। पुरी ने कहा, ‘निजी तौर पर मेरा मानना है कि तेल की कीमतें स्थिर रहेंगी और नीचे आएंगी।’ इस महीने की शुरुआत में, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें लगभग 70 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 78 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो गई थीं। इसका कारण पश्चिम एशिया में बढ़ता तनाव था।
आपको बता दें कि ओमान और ईरान के बीच स्थित होर्मुज जलडमरूमध्य फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और अरब सागर से जोड़ता है। वैश्विक तेल का पांचवां हिस्सा इसी जलडमरूमध्य से गुजरता है। सभी प्रमुख तेल उत्पादकों जैसे सऊदी अरब, इराक, कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात से तेल जलडमरूमध्य के रास्ते निर्यात किया जाता है। केवल सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के पास परिचालन पाइपलाइन हैं जिससे होर्मुज जलडमरूमध्य के प्रभावित होने से उस पर असर नहीं होगा।
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