मुंबई : रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को कहा कि लगातार तीसरी बार रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती करना समय के अनुकूल है तथा निर्णायक है। उन्होंने कहा कि यह कदम आर्थिक वृद्धि को लेकर उभर रही चिंताओं को दूर करने के लिये उठाया गया है। दास ने कहा कि नीतिगत रुख को तटस्थ से बदलकर नरम किया जाना इस बात का संकेत है कि रेपो दर में वृद्धि पर फिलहाल विचार नहीं किया जाएगा। इसका अर्थ हुआ कि मौद्रिक नीति समिति की आने वाली बैठकों में या तो रेपो दर को यथावत रखा जाएगा या इसमें और कटौती संभव है।
दास ने कहा कि वित्तीय प्रणाली में करीब एक साल से तरलता की कमी की स्थिति थी जो अब इफरात में है। उन्होंने हर सकारात्मक उद्देश्य के लिये पर्याप्त तरलता सुनिश्चित बनाये रखने की भी बात की। रिजर्व बैंक ने वृद्धि के समक्ष चुनौतियों को देखते हुए चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि दर का पूर्वानुमान 7.20 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत कर दिया। दास ने नीतिगत समीक्षा के निष्कर्षों की घोषणा के बाद संवाददाताओं से कहा कि रेपो दर में कटौती पर समिति के सभी सदस्यों का एकमत होना यह दिखाता है कि मौद्रिक नीति समिति आर्थिक वृद्धि की चिंताओं को दूर करने के लिये निर्णायक तौर पर और समय पर काम करती है।
नीतिगत रुख तटस्थ से नरम किये जाने के बारे में पूछे जाने पर दास ने कहा, इसका मतलब है कि अभी दर में वृद्धि पर विचार नहीं किया जाने वाला है। उन्होंने कहा कि नरम रुख का मतलब हुआ कि दर में वृद्धि का विचार अभी नहीं हैं। हालांकि उन्होंने तुरंत ही यह भी जोड़ा, इसका यह मतलब नहीं कि निश्चित तौर पर आगे दर में और कटौती की जाने वाली है।
बदलेगा एटीएम का शुल्क
आम जनता द्वारा प्रयोग किए जाने वाले अन्य बैंकों के एटीएम पर लगने वाले शुल्क में बदलाव होगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने इसका गुरुवार को एलान करते हुए कहा कि शुल्क में बदलाव के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। इसके अलावा गुरुवार को जारी हुई मौद्रिक समीक्षा नीति में केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को घटाकर 5.75 फीसदी व बैंकों में आरटीजीएस और एनईएफटी में लगने वाले शुल्क को माफ कर दिया है।