सेंसेक्स बुधवार को 409 अंक उछलकर पहली बार 74,000 अंक के ऊपर बंद हुआ। बुधवार को सेंसेक्स 409 अंक या 0.55 प्रतिशत की बढ़त के साथ 74,085.99 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 118 अंक या 0.53 प्रतिशत की बढ़त के साथ 22,474.05 पर बंद हुआ, दोनों अपने नए समापन शिखर पर बंद हुए।
उतार-चढ़ाव के बीच लगाई लंबी छलांग
15 जनवरी को आखिरी मील का पत्थर हासिल करने के बाद से सेंसेक्स ने 37 सत्रों में इसे हासिल किया है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के वरिष्ठ निवेश रणनीतिकार श्रीराम बी.के.आर. ने कहा, 1000 अंक की रैली के नवीनतम चरण में कुल बाजार पूंजी लगभग 15.3 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई।
394 लाख करोड़ रुपये की नई ऊंचाई पर
2 मार्च को 394 लाख करोड़ रुपये की नई ऊंचाई पर पहुंचने के बाद बीएसई का कुल बाजार पूंजीकरण 391.3 लाख करोड़ रुपये बताया गया, जो 400 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े से कुछ लाख करोड़ कम है।
सेंसेक्स का नवीनतम 5,000 अंक का मील का पत्थर 69,000 से निकलकर लगभग 65 सत्रों या 3.1 महीनों में हुआ।
विश्लेषक के अनुसार, 64,000 से नवीनतम 10,000 अंक का मील का पत्थर 172 सत्रों या 8.3 महीनों में हुआ।
जनवरी 2018 में सूचकांक को 35,000 अंक के मील के पत्थर पर चढ़ने में 32.1 साल लग गए। श्रीराम ने कहा, अगले 35,000 अंक अगले 5.9 वर्षों में जुड़ गए (100 प्रतिशत की वृद्धि)।
इसे जनता के सामने आने वाले नए मुद्दों और लिस्टिंग के साथ-साथ सूचीबद्ध शेयरों की कीमत में बढ़ोतरी से सहायता मिली।
तीन महीनों के दौरान भारत की जीडीपी 8.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी
दिसंबर 2023 को समाप्त तीन महीनों के दौरान भारत की जीडीपी 8.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जो दुनिया की सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है।
बुधवार को जारी क्रिसिल की इंडिया आउटलुक रिपोर्ट के मुताबिक, देश की आर्थिक प्रगति को घरेलू संरचनात्मक सुधारों और चक्रीय कारकों से समर्थन मिलेगा।
2031 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य
क्रिसिल का अनुमान है कि 2031 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखते हुए भारत संभावित रूप से अपनी विकास संभावनाओं को भी पार कर सकता है।
अर्थव्यवस्था दोगुनी होकर 7 ट्रिलियन डॉलर होने की उम्मीद
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा कि यह विकास प्रक्षेपवक्र भारत को 2031 तक उच्च मध्यम-आय का दर्जा प्राप्त करने की स्थिति में रखता है, जिससे अर्थव्यवस्था दोगुनी होकर 7 ट्रिलियन डॉलर होने की उम्मीद है।
आम तौर पर भारत को प्रमुख विश्व अर्थव्यवस्थाओं के बीच एक 'ब्राइट स्पॉट' के रूप में देखा जाता था, जिससे इक्विटी में रिकॉर्ड विदेशी प्रवाह होता था, जिससे बाजारों को ऊंचे स्तर पर पहुंचने में मदद मिलती थी।
श्रीराम ने कहा, बाजार आगे बढ़ते हुए वित्तवर्ष 2024 के लिए भारतीय कॉर्पोरेट के मूल्यांकन प्रक्षेप पथ और आय वृद्धि व आगामी आम चुनाव से संबंधित घटनाक्रम पर नजर रखना जारी रखेंगे।