डिजिटल भुगतान की बढ़ोतरी में UPI ने प्रमुख भूमिका निभाई है। इतना ही नहीं UPI ने पिछले वित्त वर्ष में बैंक नोटों के सर्कुलेशन को 7.8 प्रतिशत कम करने में मदद की है। वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड ने लोकसभा में बताया कि UPI ट्रांजेक्शन की संख्या 2017-18 में 92 करोड़ से बढ़कर 2022-23 में 147 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 8,375 करोड़ हो गई।
HIGHLIGHTS
भारत में UPI इस्तेमाल करनेवालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। देश में अक्टूबर लगातार ऐसा तीसरा महीना है, जब UPI का लेनदेन 1000 करोड़ के पार चला गया है। भारत में सब्जी बेचनेवाले से लेकर बड़े-बड़े हार्डवेयर स्टोर, गोदाम के मालिक भी यूपीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं। एनपीसीआई यानी भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में यूपीआई यानी एकीकृत भुगतान इंटरफेस के माध्यम से 17.16 लाख करोड़ रुपये के 11 अरब से अधिक का ट्रांजैक्शन हुआ। अक्टूबर का महीना त्योहारी है, तो इसीलिए इस महीने में 17.16 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इसकी सूचना देते हुए सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर लिखा कि अक्टूबर में लगभग 11 अरब यूपीआई लेनदेन हुए और लोग मोबाइल से यूपीआई के माध्यम से निर्बाध रूप से लेनदेन कर रहे हैं। एनपीसीआई के आंकड़े बताते हैं कि वित्त वर्ष 2022-23 में यूपीआई प्लेटफॉर्म ने कुल 139 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 8,376 करोड़ ट्रांजैक्शन को पूरा किया था। वहीं, वित्त वर्ष 2021-22 में 84 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 4,597 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए थे और अगर पीडब्ल्यूसी इंडिया की मानें तो वित्त वर्ष 2026-27 तक यूपीआई से ट्रांजैक्शन रोजना 100 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।
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