(UPI) आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के द्वारा विकसित किए गए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) एक बहुत ही सफल प्रणाली हैं। इसे दुनिया की सबसे अच्छी भुगतान प्रणाली माना जा रहा है। दास ने बताया कि यूपीआई के जरिए देश में मासिक लेन-देन का आंकड़ा पहले ही 100 अरब को पार कर गया है। इसके सफलता के बाद, आरबीआई अब इसे अन्य देशों के केंद्रीय बैंकों के साथ बातचीत कर रही है, जैसे कि सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में इसका इस्तेमाल पहले से ही हो रहा है।
गवर्नर ने कहा कि यूपीआई पहले से ही एक डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा बन चुका है और इसके माध्यम से देश में डिजिटल लेन-देन में काफी बढ़ोतरी हुई है, विशेषकर ग्रामीण इलाकों में। उन्होंने यह भी कहा कि इसे और भी बढ़ना चाहिए और उसने यूपीआई को दुनिया की सबसे अच्छी भुगतान प्रणाली माना है।
दास ने दिवालिया एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) की दर की 32 फीसदी की आलोचना करते हुए कहा कि कानून में सुधार की जरूरत है। उन्होंने आईबीसी पर कुछ मोर्चों की आलोचना की और कहा कि समाधान में समय और कर्जदाताओं को बकाया वसूली में नुकसान हो रहा है। उन्होंने यह भी खारिज किया कि एनपीसीआई का यूपीआई पर एकाधिकार होने से आरबीआई को कोई गुरेज नहीं है और केंद्रीय बैंक ने इसके लिए आवेदन मांगा है। उन्होंने कहा कि अभी तक आए प्रस्तावों में कुछ नया नहीं है।
दास ने इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी नियमों पर बात करते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक दूसरों के नियमों का अनुसरण नहीं करेगा। उन्होंने कहा, "जो दूसरे बाजार के लिए अच्छा है, वह हमारे लिए अच्छा नहीं हो सकता। इसलिए, आरबीआई और हमारे विचार वही रहेंगे।" गवर्नर ने भी बताया कि केंद्रीय बैंक क्रिप्टोकरेंसी नियमों की दूसरों के अनुकरण की जरूरत नहीं करेगा और उन्होंने कहा कि आरबीआई और उनके विचार स्वतंत्र रहेंगे।
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