वोडाफोन आइडिया ने शुक्रवार को कहा कि उसके स्वमूल्यांकन के अनुसार उसकी समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की देनदारियां 21,533 करोड़ रुपये हैं और बकाये की गणना के बारे में उसने दूरसंचार विभाग को बता दिया गया है।
कंपनी का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार ने उस पर 53,000 करोड़ रुपये से अधिक के बकाये का अनुमान लगाया है। कंपनी ने इसमें से उसने अब तक दो किस्तों में केवल 3,500 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।
वोडाफोन आइडिया (वीआईएल) ने एजीआर देनदारी की जो गणना की है, वह सरकार के अनुमान का केवल 41 प्रतिशत है। वोडाफोन समूह सीईओ निक रीड वीआईएल को चालू रखने के उपायों पर चर्चा के लिए दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद के साथ बैठक कर रहे थे।
इससे पहले वोडाफोन ग्रुप के सीईओ निक रीड ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की। उनके साथ वोडाफोन आईडिया के एमडी रविंदर ठक्कर भी थे। उनका भारत दौरा एडजस्टेड ग्रास रेवेन्यू (एजीआर) मुद्दे पर अंतिम सुनवाई के पहले हो रहा है।
एजीआर पर सुप्रीम कोर्ट में 17 मार्च को सुनवाई है। कंपने बंबई शेयर बाजार को बताया कि स्वमूल्यांकन से पता चला है कि वित्त वर्ष 2006-07 से वित्त वर्ष 2018-19 तक की अवधि के लिए 6,854 करोड़ रुपये की मूल राशि और फरवरी 2020 तक ब्याज को मिलाकर कंपनी की कुल एजीआर देनदारियां 21,533 करोड़ रुपये हैं।” बयान में कहा गया कि कंपनी ने एजीआर देनदारियों के स्वमूल्यांकन के बारे में दूरसंचार विभाग को बता दिया है।