लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

राहत नहीं मिलने पर बंद हो जाएगी वोडोफोन-आइडिया

वोडाफोन आइडिया ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय के हाल के निर्णय के बाद उसके सामने खड़ी पुरानी सांविधिक देनदारियों के मामले में सरकार की ओर से राहत नहीं मिली तो उसका बाजार में बने रखना मुश्किल है।

नई दिल्ली : वोडाफोन आइडिया ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय के हाल के निर्णय के बाद उसके सामने खड़ी पुरानी सांविधिक देनदारियों के मामले में सरकार की ओर से राहत नहीं मिली तो उसका बाजार में बने रखना मुश्किल है। कंपनी के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने शुक्रवार को यहां एक सवाल के जवाब में कहा कि यदि हमें कुछ नहीं मिलता है तो मेरा मानना है कि इससे वोडाफोन आइडिया की कहानी का पटाक्षेप हो जाएगा।’’ 
उनसे सरकार से राहत नहीं मिलने की स्थिति में कंपनी की आगे की रणनीति के बारे में पूछा गया था। कंपनी ने पिछाला 53,038 करोड़ रुपये का सांविधिक बकाया को चुकाने में सरकार से राहत की मांग की है। पिछले साल बिड़ला समूह की आइडिया सेल्युलर और ब्रिटेन की वोडाफोन ने रिलायंस जियो से प्रतिस्पर्धा के लिए आपस में विलय कर लिया था। वोडाफोन आइडिया ने कुछ हफ्ते पहले ही अपने तिमाही परिणामों की घोषणा की थी। 
इसमें सांविधिक बकाये लिए प्रावधान करते हुए उसने देश में किसी भी कॉरपोरट कंपनी का सबसे बड़ा तिमाही घाटा दिखाया था। बिड़ला ने सरकार से राहत ना मिलने की स्थिति में कंपनी में किसी और तरह का निवेश नहीं करने का संकेत दिया। उनसे पूछा गया कि क्या वोडाफोन इंडिया कंपनी में और निवेश करेगी। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इस बात का कोई मतलब नहीं कि डूबते पैसे में और पैसा लगा दिया जाए। 
यह हमारे लिए इस कहानी का अंत होगा। हमें अपनी दुकान (वोडाफोन-आइडिया) बंद करनी होगी। हाल में न्यायालय ने अपने एक आदेश में दूरसंचार कंपनियों की एकीकृत सकल आय (एजीआर) के मामले में सरकार की परिभाषा को सही ठहराया था। इसके बाद एयरटेल, वोडाफोन आइडिया समेत कई पुरानी दूरसंचार कंपनियों पर कुल 1.47 लाख करोड़ रुपये सांविधिक बकाया चुकाने का दबाव है। इसमें स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क, लाइसेंस शुल्क और इन दोनों राशियों का 14 साल का ब्याज और जुर्माना शामिल है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

twelve + 5 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।